Chart Patterns In Hindi |Chart Pattern की पूरी जानकारी ?
आज के इस article में मैं Chart Patterns In Hindi के सन्दर्भ में बात करने जा रहा हूँ । कैंडलेस्टिक चार्ट में बहुत सारी कैंडल्स मिलकर अलग-अलग प्रकार के पैटर्न बनाती है । जिन्हें चार्ट पेटर्न कहते हैं । इस तरह के सारे Pattern हमें Market में Target Stop Loss , Support resistance , Bearish और Bullish के बारे में जानकारी देते हैं । इस से ट्रेड लेने में आसानी होती है ।
इन चार्ट पेटर्न्स को देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मार्केट किस दिशा में जा सकता है । बहुत सारे बड़े ट्रेडर इन्हीं चार्ट को देखकर अपनी पोजीशन बनाते हैं! Chart Patterns को और गहराई से पढ़ें।
Chart Pattern के प्रकार ?- ( Chart Pattern In Hindi )
Chart Patterns In Hindi नामक इस आर्टिकल में आपको chart Patterns की पूरी जानकारी नीचे दी गई है । आप इसे ध्यान से पढ़ें , समझें और इसका अनुपालन करें ।
चार्ट पेटर्न दो प्रकार के होते हैं-
- रिवर्सल (Reversal)
- कंटीन्यूवेशन ( Continuation )
रिवर्सल (Reversal)-
Reversal Pattern हमें यह जानकारी अथबा एक प्रकार से यह संकेत देता है कि Market का जो वर्तमान का Trend है बह जल्दी ही बदलने बाला है ।
यानी कि अगर मार्केट uptrend में है और कोई रिवर्सल (Reversal) पैटर्न बन जाता है तो यहां से डाउनट्रेंड शुरू हो सकता है ।
कंटीन्यूवेशन ( Continuation )-
Continuation Pattern का एक तरह से सीधा और स्पष्ट संकेत यही होता है कि Market का trend बर्तमान बाली दिशा में ही जाने बाला है ।
यानी कि अगर मार्केट ऊपर की ओर बढ़ रहा है तो इस पैटर्न के बनने के बाद मार्केट लगातार ऊपर की ओर और तेजी से बढ़ेगा । अगर मार्केट गिर रहा है तो संकेत यही है कि Market लगातार उसी दिशा में बढ़ेगा जो दिशा बर्तमान में है ।
Chart Patterns In Hindi (सबसे सफल चार्ट पैटर्न )
इस आर्टिकल Chart Pattern In Hindi के इस भाग में हम सबसे सफल Patterns की बात करेंगे । इन Patterns का ट्रेडिंग में बहुत अधिक योगदान रहता है ।
डबल टॉप पैटर्न (double top pattern)-
यह पैटर्न M की आकृति का होता है और यह पैटर्न Bullish मार्केट में बनता है ।
इसमें जब मार्केट ऊपर की ओर जाता है तो रजिस्टेंस R1 से गिरकर एक सपोर्ट बनाता है । यहां से फिर ऊपर की ओर जाता है और फिर रेजिस्टेंस R2 से गिरकर वापस नीचे की ओर आता है । एक M जैसा पैटर्न बनाता है । इसके बाद मार्केट प्रीवियस सपोर्ट को ब्रेक करके मार्केट नीचे की ओर आता है । फिर मार्केट प्रीवियस सपोर्ट को रीटेस्ट करता है । यह सपोर्ट अब रेजिस्टेंस में बदल जाता है जोकि अभी चार्ट में R3 से दर्शाया गया है ।
R3 पर अगर कोई ऐसी candle बनती है तो उससे सेलिंग की संभाबना बन रही हो तो आपको तब entry लेनी है । जब Candle Low को Break कर ले और आपका स्टॉप लॉस इस कैंडल के हाई पर होगा ।
आप चाहें तो Breakout पर सीधे भी Entry ले सकते हैं । लेकिन Accuracy के लिए Retest के बाद ही entry लें ।
डबल बॉटम पैटर्न ( Double Bottom Chart Pattern )-
इस pattern का आकार W जैसा होता है । यह तब बनता है जब Market Bearish हो ।
इसमें जब मार्केट नीचे की ओर गिरता है तो सपोर्ट S1 से ऊपर की ओर जाकर एक रजिस्टेंस बनाता है । इस रजिस्टेंस से वापस नीचे गिरता है फिर सपोर्ट S2 से वापस ऊपर की ओर जाता है ।
एक W जैसा पैटर्न बनाता है इसके बाद मार्केट अपने रजिस्टेंस को ब्रेकआउट करके रीटेस्ट करता है । अगर रीटेस्ट पर कोई Bullsih कैंडल बनती है तो यहां से मार्केट में एक बड़ा ऊपर की साइड में मूवमेंट आता है ।
हेड और शोल्डर्स पैटर्न ( Head And Shoulders Chart Pattern )-
यह Pattern मनुष्य के Head और Shoulder जैसा दिखता है । इस पैटर्न को ट्रिपल टॉप पैटर्न के नाम से भी जाना जाता है ।
जब भी Market ऊपर की ओर जाती है तो सब से पहले Left Shoulder बनता है । फिर जब Market नीचे आता है तो Resistance लेकर Head बनाता है। फिर ऊपर जाकर Right Shoulder बनाता है । फिर नीचे आता है ।
इसके बाद मार्केट अपने सपोर्ट का ब्रेकडाउन देकर नीचे आता है और एक बार फिर अपने सपोर्ट को रीटेस्ट करने जाता है । अगर रीटेस्ट पर कोई Bearish कैंडल बनती है तो मार्केट में एक लंबी गिरावट आती है!
आपको जब भी Entry लेनी है तो Bearish Candle के नीचे लेनी है । जब की Stop Loss इस candle के High पर होगा ।
Inverted Head And Shoulders Pattern
यह पैटर्न हेड और शोल्डर्स पैटर्न के उल्टा होता है!
जब मार्केट नीचे गिरता है तो बॉटम में पहले लेफ्ट शोल्डर बनाता है फिर ऊपर जाता है । ऊपर से रजिस्टेंस लेकर फिर से नीचे आता है और हेड बनाता है । फिर ऊपर जाता है फिर से रेजिस्टेंस लेकर नीचे आता है । फिर यह Right Shoulder बनाता है । फिर ऊपर जाकर अपने रेजिस्टेंस का ब्रेक आउट करता है और एक लंबा ऊपर की साइड में मूवमेंट देता है ।
Intraday Trading सीखें हिंदी में
राइजिंग वेज पैटर्न ( Rising Wedge Pattern )-
इस तरह का patterrn तब बनता है जब Market बुलिश हो । आपको Entry ऐसे समय में ही लेनी है । जब कैंडल Tradeline के नीचे close होती हो । इसमें बहुत जल्दी – जल्दी Bearish movement देखने को मिलता है ।
फॉलिंग वेज पेटर्न ( falling wedge pattern )-
यह पैटर्न Bearish मार्केट के दौरान बनता है । इस पैटर्न में ट्रेडलाइन के ब्रेक आउट के बाद एक बड़ा UP मोमेंटम देखने को मिलता है । इसमें आपको एंट्री तब लेनी है अगर कोई Bullish कैंडल ट्रेडलाइन के ऊपर ब्रेकआउट देकर क्लोज होती है ।
बुलिश फ्लैग पैटर्न ( Bullish Flag Pattern )-
यह पैटर्न एक मजबूत Uptrend Bullish Pattern है जो Uptrend के समय बनता है । यह झंडे की तरह होता है इसलिए इसे Flag Pattern भी कहते हैं ।
Bullish Uptrend के समय Market मजबूत होकर झंडे जैसा आकार बनाती है । जैसे ही Market ऊपर की तरफ Breakout देता है तो Market में Bullish uptrend शुरू हो जाता है ।
जब Candle ऊपर की ओर Bullish breakout करे तो अप्पको entry ले लेनी है ।
बेयरिश फ्लैग पैटर्न ( Bearish Flag Pattern )-
जब Market गिर रही हो अथवा Downtrend हो तो यह Pattern बनता है ।
Bearish Trend के समय Market झंडे जैसी आकृति बनाती है । जैसे ही यह नीचे की तरफ Trade Line का Breakdown होता है तो Bearish Trend शुरू हो जाता है ।
अब आपको Entry Breakdown के बाद लेनी है ।
आज का आर्टिकल share market के Chart pattern In HindI विषय पर आधारित था । इस आर्टिकल में आपको share Market की chart pattern के महत्ब के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है । उम्मीद है की आपको मेरा प्रयास पसंद आया होगा ।
2 replies on “शेयर मार्किट में चार्ट पैटर्न क्या है , कैसे काम करता है ? समझ लिया तो हो जाओगे मालामाल !”
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[…] परन्तु एक अच्छा Investor बही है जो कंपनी के PE Ratio , EPS के साथ – साथ कंपनी का Detailed Technical Analysis , Fundamental Analysis तथा कुछ साल का company का Performance यानि कि कंपनी घाटे में जा रही है या लाभ में है । कंपनी के ऊपर Debt ( कर्जा ) कितना है । इन सभी का भी विश्लेषण कर ले । विश्लेषण कैसे करते हैं सीखने के लिए यह बाला आर्टिकल पढें Chart Patterns in Hindi […]