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Tiranga Colour Trading- Stock Market में कमाई का नया तरीका !

शेयर मार्किट में हर रोज़ नई अबधारणा और रणनीति प्रयोग में लाई जाती है जो निवेशकों के लिए काफी लाभदायक हो सकती हैं। आज हम जिस अवधारणा और रणनीति की बात करेंगे वह है Tiranga Colour Trading यह रणनीति भारतीय शेयर बाजार को समझने के लिए प्रतीकात्मक और व्यावहारिक दृष्टिकोण की जानकारी उपलब्ध कराता है।

Tiranga Colour Trading क्या है ?

Tiranga Colour Trading एक ऐसी रणनीति है जो  भारतीय राष्ट्रीय झंडा ” तिरंगा ” के हरा , सफ़ेद और केसरी रंगों पर आधारित है। ट्रेडिंग स्टॉक्स का इन रंगों के आधार पर वर्गीकरण किया जाता है। यह रणनीति शेयर बाजार को वेहतर तरीके से समझने और निवेश की विविधता को पहचानने में मदद करती है।

1. हरा रंग —- हरा रंग विकास और समृद्धि का चिन्ह है। यह रंग उन स्टॉक्स अथवा शेयर्स का प्रतिनिधित्व करता है जिनका तेजी का रुझान हो। ऐसे शेयर्स जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों।
उदहारण — Renewable energy, IT sector.

2. सफ़ेद रंग — शेयर मार्किट में सफ़ेद रंग तटस्थता या स्थिरता ( neutrality aur stability ) को निरूपित करता है। स्टॉक मार्किट में यह रंग उन स्टॉक्स का प्रतिनिधित्व करता है जो स्थिर हैं या बहुत कम अस्थिरता दिखाते हैं।
उदहारण — FMCG, pharmaceutical stocks.

3. केसरी रंग — शेयर मार्किट में यह रंग अस्थिरता और उच्च जोखिम का प्रतिनिधित्व करता है। यह उन स्टॉक के लिए प्रयोग में लाया जाता है जो अत्यधिक अस्थिर हैं या जिनमे अधिक जोखिम है।
उदहारण —- Startups, penny stocks, aur commodities.

Tiranga Colour Trading को कैसे लागु करें ?

बाजार की प्रवृत्ति (Market Trend) का विश्लेषण अच्छे से करें।
स्टॉक के प्रदर्शन को समझने के लिए मौलिक एवं तकनीकी विश्लेषण ( Fundamental and Technical Analysis ) गहराई से करें।

स्टॉक का विश्लेषण करने के लिए Stock charts, RSI, aur moving averages जैसे टूल ( Tool ) का उपयोग कर सकते हैं।
अपने पोर्टफोलियो के अनुसार तिरंगा रंगों के आधार पर अपने स्टॉक्स का वर्गीकरण करें। जैसे की हरे रंग का उपयोग आप लम्बी अवधि के निवेश के लिए कर सकते हैं।
सफ़ेद रंग का उपयोग आप स्थिर एवं लगातार रिटर्न के लिए कर सकते हैं। इस रणनीति पर काम करते हुए आप लगातार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

केसरी रंग उच्च जोखिम और उच्च रिटर्न को दर्शाता है। आप ऐसे स्टॉक को जिनमे जोखिम और रिटर्न की संभावना अधिक ही केसरी रंग में वर्गीकृत कर सकते हैं।

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विविधता का ध्यान रखें !

अपने स्टॉक पोर्टफोलियो का तिरंगा रंगों के आधार पर वर्गीकरण करें। इससे आप के जोखिम और रिटर्न में संतुलन बना रहेगा।

 Colour Trading के लाभ !

जोखिम विविधीकरण ( Risk Diversification ) : रंगों के आधार पर अथवा Colour Trading  स्टॉक का वर्गीकरण करने से जोखिम विविधता का पता आसानी से चल जाता है।

प्रतीकात्मक दृष्टिकोण (Symbolic Approach) : भारतीय निवेशकों के लिए यह रणनीति अद्वितीय और विश्वसनीय रणनीति है।

बाजार की समझ ( Market Understanding ) : बाजार के हर पहलु का हमें स्पष्ट परिप्रेक्ष्य मिल जाता है।

तिरंगा कलर ट्रेडिंग की चुनौतियां !

1. शेयर्स या स्टॉक का सिर्फ रंग के आधार पर फैसला कर लेना निवेश के सन्दर्भ में गलत हो सकता है।
2. कुछ बाहरी कारक जैसे राजनितिक गतिविधियां , प्रशासनिक नीतियों में परिवर्तन भी आपकी निवेश रणनीति को प्रभावित सकती हैं।
3. Tiranga Colour Trading उन निवेशकों के अधिक कारगर होती है जिन को शेयर मार्किट की गहरी जानकारी होती है।

निष्कर्ष : Tiranga Colour Trading एक ऐसा नवीन और प्रतीकात्मक दृष्टिकोण है जो भारतीय निवेशकों को योजना बनाने में मदद करता है। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि इस रणनीति का प्रयोग करने से पहले आपको बाजार का ज्ञान होना जरुरी है। अपनी जोखिम क्षमता का ध्यान अवश्य रखें।

यह रणनीति सिर्फ एक दिशानिर्देश है , अंतिम निर्णय हमेशा गहन अनुसंधान और विश्लेषण ( Research and Analysis) के आधार पर ही करें।
अगर आपको यह लेख निवेश की  रणनीति से मददगार लगा हो तो इसे आगे भी शेयर जरूर कर दें। धन्यवाद !

 

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