दोस्तो ! अगर आप अपने काम से अच्छा पैसा कमा रहे हैं या अगर आप कहीं सेवारत ( नौकरी ) हैं और आपका वेतन अच्छा खासा है । तो आप SIP में निवेश कर सकते है । Sip Kya hai इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी देने बाला हों । अगर आपके पैसा है परन्तु आपको इस पैसे का नियोजन ( Management ) करना नहीं आता तो इसकी प्रवल संभावना है की एक समय पर जब आपको बहुत अधिक पैसे की जरुरत हो आपके पास पैसा न हो । इसका सीधा सा कारण है वित्तीय नियोजन ( Wealth Management ) न होना ।
वित्तीय नियोजन ( Wealth Management ) आप बहुत से तरीकों से कर सकते हैं । मगर मैं जो तरीका आपको बताने जा रहा हूँ बह है SIP अब आपके मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि Sip Kya Hai तो दोस्तों इस आर्टिकल में मैं आपको विस्तार से बताने जा रहा हूँ कि Sip Kya Hai यह कैसे करनी होती है , sip के फायदे और नुकसान , कौन सी Sip सही है , Sip क्या होती है ? Sip फायदे का निवेश कैसे है ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आज आपको इस आर्टिकल में मिल जायेंगे ।
Sip Kya Hai ( Sip क्या है ) ?
SIP ( Systematic Investment Plan ) इसके नाम से पता चलता है कि यह योजना एक व्यवस्थित और अनुशासित निवेश योजना है । अगर आप Share Market के बारे में थोड़ा बहुत जानते होंगे तो आपने Sip के बारे में जरूर सुना होगा । यह एक ऐसा अनुशासित निवेश का दृष्टिकोण है जो नियिमत अंतराल जैसे ( Weekly , Monthly , Quarterly Etc ) पर पहले से निश्चित अथवा निर्धारित राशि को आप Mutual Fund या अन्य किसी विकल्प में निवेश करते हैं । यह निवेश भविष्य में आपके लिए धन संयोजन का कार्य करता है ।
इस फंड योजना में आपके निर्देश पर अगर आपने AUTO DEBIT का विकल्प चुना है ( weekly , Monthly , Quarterly etc ) उसके अनुसार एक निश्चित तिथि को आपके बैंक Account से पैसा कट जायेगा । आप जब भी चाहें अपनी जरुरत अनुसार पैसा निकाल भी सकते हैं ।
SIP में निवेशक के पास विकल्प रहता है की बह जब भी चाहे अपनी निवेश राशि बढ़ा भी सकते हैं । निवेशक अपनी आबश्यकता अनुसार SIP में अपना निवेश बंद भी कर सकते हैं ।
SIP काम कैसे करती है ?
SIP एक आवर्ती निवेश ( Recurring Investment ) है और यह पैसा आपके बैंक खाते से Auto Debit हो कर आपके पसंद के Mutual Fund में निवेश हो जाता है ।जब यह पैसा आपके Mutual Fund योजना में जमा हो जाता तो आपको उस Mutual Fund योजना की कुछ निश्चित इकाइयां (Units) मिलती हैं ।
आपके द्वारा निवेश की गई राशि के बदले आपको कितनी इकाइयां ( Units ) मिलेंगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि उस विशेष दिन में एक इकाई ( Unit ) का मूल्य या NAV ( Net Asset Value ) क्या है और आपका उस विशेष दिन कितना निवेश हुआ है ।
इसी तरह जब भी आपकी SIP Auto Debit होगी उस दिन के NAV के हिसाब से आपको इकाइयां ( Units ) मिल जाएँगी ।
एक उदहारण से समझिये —-
मानलो कि आपने हर महीने SIP में रूपए 2000 निवेश करने की योजना बनाई है । जिस महीने आपका निवेश शुरू हुआ उस समय आपके चुने हुए Mutual Fund योजना की एक इकाई का मूल्य ( NAV ) रूपए 40 है । आपकी निवेश राशि है 2000 रूपए और इकाई ( Unit ) का मूल्य है 40 रूपए । रूपए 2000 को रूपए 40 से भाग ( Divide ) करने पर हमें प्राप्त होगा 50 इसका मतलब हुआ की आपको उस महीने 50 Units मिलेंगी ।
अगले महीने अगर एक इकाई अथबा Unit का मूल्य 10 रूपए बढ़कर 50 रूपए हो जाता है । परन्तु आपका जो निवेश है हर महीने बह तो 2000 रूपए ही आपने निश्चित किया है । अब जब आपके 2000 रूपए को एक इकाई ( Unit ) के मूल्य ( Nav ) से भाग ( Divide ) करेंगे तो आपको इस बार 40 Units मिलेगी ।
इस तरह जो आपको पिछले महीने के निवेश से 40 Units मिली थीं । उनका का मूल्य अगले महीने जब 50 रूपए हुआ तो प्रति इकाई ( Unit ) आपको 10 रूपए लाभ हुआ । यहाँ ध्यान देने बाली बात यह भी है की अगर Unit की Price कम होती तो आपको हानि होती । परन्तु आपको इकाइयां ( Units ) अधिक मिलतीं । इस उदाहरण से आप समझ गए होंगे को Sip Kya Hai और यह कैसे काम करती है ।
SIP को आदर्श निवेश क्यों कहते हैं ?
वित्तीय अनुभव रखने बाले बहुत सारे लोग SIP को एक आदर्श निवेश मानते हैं । क्योंकि जब इकाइयों ( Units ) की कीमत घटती है है तो हमें अधिक इकाइयां मिलती हैं । अगर इकाइयों की कीमत बढ़ जाये तो हमारे पास जो पहले से इकाइयां ( Units ) हैं , उनकी कीमत बढ़ने पर हमें लाभ होता है ।
Month | NAV | SIP investment (Rs) | No. of units | Average cost per unit (Rs) | Lump sum investment (Rs) | No. of units | Average cost per unit (Rs) |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | 15 | 600 | 40 |
12 |
3600 |
240 |
15 |
2 | 10 | 600 | 60 | ||||
3 | 12 | 600 | 50 | ||||
4 | 12 | 600 | 50 | ||||
5 | 15 | 600 | 40 | ||||
6 | 10 | 600 | 60 | ||||
Total | 3,600 | 300 |
अगर Table के माध्यम से समझ सकते हैं कि SIP के द्वारा किये गए निवेश से 300 Units मिली हैं । जिसका प्रति इकाई मूल्य 12 रूपए होता है । जबकि एकमुश्त ( Lumpsum ) निवेश से 240 इकाई ( Units ) मिली हैं । जिसका प्रति इकाई मूल्य 15 रूपए होता है ।
SIP में हमें पैसा भी एक बार में नहीं बल्कि थोड़ा – थोड़ा कर के देना होता है । जबकि ( Lumpsum ) में पैसा एक बार में ही देना पड़ता है ।
Systematic Investment Plan ( SIP ) की विशेषताएं —
SIP एक ऐसी लचीली निवेश योजना है जो हमें Mutual fund में निवेश करने कि सुविधा देती है ।
छोटा निवेश — जिन लोगों की आमदनी काम है और बह निवेश करना चाहते हैं तो SIP उनके लिए एक सुनहरा अबसर है । SIP आप प्रति माह 500 रूपए से भी शुरू कर सकते हैं ।
निवेश अंतराल ( Interval Investment ) —- SIP आपको विभिन्न निवेश विकल्पों का अबसर प्रदान करती है । जैसे — Weekly , Monthly , Quarterly etc इसमें आप अपनी पसंद का कोई भी निवेश विकल्प चुन सकते हैं ।
SIP को बंद करने का विकल्प — अगर आपको कभी वित्तीय कठिनाई आ जाये तो SIP Mutual Fund आप को 1 से 3 महीने के लिए आपके निवेश को को अस्थाई रूप से निलंबित रखने की सुविधा देता है । विराम अवधि के बाद आपकी SIP स्वयं फिर से चालू हो जाती है । इस सुविधा को पाने के लिए Mutual Fund प्रोवाइडर से परामर्श जरुरी है ।
अधिकतम निवेश की सीमा नहीं –— SIP में न्यूनतम सीमा राशि तो 500 रूपए होती परन्तु इसमें अधिकतम निवेश सीमा राशि नहीं है । आप अपनी मर्जी से जितनी चाहो निवेश राशि रख सकते हैं ।
समाप्ति का प्रावदान — SIP आप कभी भी बंद कर सकते हैं । आप की निवेशित राशि ( लाभ सहित ) 3 – 4 कार्य दिवस में आपके आपके Bank Account में पहुँच जाएगी । अगर आप योजना को पूर्ण रूप से बंद करना चाहते हैं तो आपको अपने बैंक खाते से Asset Management Company ( AMC ) को Biller के रूप में हटा दें ताकि आगे से आपका पैसा न कटे ।
SIP के लाभ —
SIP में निवेश उनके बहुत फायदेमंद हो सकता है जो अनुशासित और व्यबस्थित ढंग से निवेश में रूचि रखते है ।
SIP में आपको एक निश्चिचित राशि , निश्चिचित समय पर नियिमत तरीके से निवेश करनी होती है । बचत के लिहाज से SIP एक बहुत प्रभावशाली और महत्ब्पूर्ण योजना और निवेश का विकल्प है । अगर आप SIP में लम्बी अवधि के लिए निवेश करते हैं तो आपका एक बहुत बड़ा Wealth Fund बन सकता है ।
लागत — SIP में आप कम निवेश ( 100, 200 , 500 ) से अधिकतम सीमा तक भी निवेश कर सकते हैं । इस लचीलेपन से उन निवेशकों को भी Mutual Fund में निवेश का मौका मिल जाता है जिनकी आय कम है । इसमें निवेश के लिए अन्य विकल्पों से लागत भी बहुत कम आती है ।
लचीलापन ( Flexibility ) SIP एक ऐसी योजना है यहाँ निवेशक अपनी जरुरत के अनुसार अपने निवेश को बढ़ा , घटा तथा बंद भी कर सकते हैं ।
कुछ अतिरिक्त लाभ : —
अगर आप Income Tax Slab में आते हैं तो SIP में निवेश करने से आपको Income Tax Return में छूट मिल सकती है ।
SIP बचत करने का एक बेहतरीन उपाय है । जो लोग Risk लेने से डरते हैं उनके लिए SIP एक बहुत अच्छा विकल्प है ।
SIP में आप Auto Debit भी ले सकते हैं । पैसे को जमा करवाने के लिए आपको कहीं जाने की जरुरत नहीं है ।
SIP में Risk : —
आप कहीं भी पैसा निवेश करो कुछ न कुछ Risk तो हर जगह रहता ही है । उसी तरह SIP में भी कुछ Risk की आशंका तो रहती ही है । क्योंकि SIP में आप बहुत कम पैसे से निवेश शुरू कर सकते हैं तो बहुत बड़ा Risk नहीं रहता । अगर आपने ऐसी कंपनी में SIP शुरू की है जो घाटे में चल रही है तो आपको नुकसान हो सकता है ।
जिस कंपनी में आपने SIP में निवेश करने का चयन किया है अगर उस कंपनी में कोई Crisis आ गया तो आपके नुकसान होने की संभावना प्रवल हो जाती है । SIP में निवेश हमेशा लम्बी अवधि के लिए करना चाहिए । अगर आप अल्प अवधि के निवेश करते हो तो लाभ की संभावना कम हो जाती है ।
SIP के कुछ नुक्सान ( Disadvantages )
आपको नियिमत रूप से हर महीने उतने पैसे चाहियें जितने की आपकी SIP है ।
बाजार में अगर मंदी है तो संभव है कि आपकी Return ( लाभ ) पर भी असर पड़े दोस्तों ऊपर मैंने SIP के संवंध में लगभग सभी जरुरी बातें सकारात्मक और नकारात्मक दोनों का विश्लेषण किया है । अब आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि मैंने यह तो बताया ही नहीं कि SIP शुरू कैसे करें । तो चलिए यह भी जानते हैं ।
SIP कैसे शुरू करें ?
SIP में निवेश करना बहुत ही सरल है । इसमें दो तरीके से निवेश किया जा सकता ।
i. Direct Plan
ii. Regular Plan
i. Direct Plan : – पहले हम Direct Plan क्या है ? यह समझते हैं । इस Plan में कोई Middleman या कोई Broker नहीं होता , जो निवेशक को Guide कर सके या सलाह दे सके । इस Plan के अंतर्गत निवेशक को स्वयं ही Analysis करके एक अच्छा SIP Mutual Fund का चयन करना पड़ता है । नए निवेशकों के लिए यह एक जटिल कार्य है । इसलिए अधिकतर नए निवेशक इस Plan को प्राथमिकता नहीं देते हैं । इस Plan में आपको Guide करने बाला कोई नहीं होता इसलिए नुकसान कि संभावना रहती है ।
ii. Regular Plan : — इस प्लान में Middleman या Broker का बहुत बड़ा योगदान रहता है । यह समय – समय पर अपने निवेशकों को सलाह देने के लिए उपलव्ध रहते हैं । इस Plan में Brokers किसी अच्छी Asset Management Company ( AMC ) से कोई स्कीम खरीद लेते हैं । फिर उस स्कीम में अपने निवेशकों के माध्यम से निवेश करवाते हैं । इस Plan में Brokers की थोड़ी सी फीस रहती है । इस Plan में Brokers निवेशक को सही Mutual Fund का चयन करने में मदद करते हैं ।इस Plan के तहत निवेश करने से नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाती है । लाभ की संभाबना बढ़ जाती है । अधिकतर नए निवेशक इस Plan के माध्यम से ही निवेश करते हैं । आप जानते होंगे की Share Market में किसी तरह के भी निवेश के लिए DEMAT ACCOUNT की जरुरत होती है । तो Demat Account कैसे खोलें और उसके लिए कौन से Documents की जरुरत पड़ती है । आपको बताने बाला हूँ ।
SIP के लिए दस्तावेज ( Documents ) कौन से चाहिए ?
अगर आपने SIP या Share Market में कहीं भी निवेश करने का मन बना लिया है तो उसके लिए आपके पास Demat Account होना आवश्यक है । Demat Account खोलने के लिए आपके पास कौन – कौन से Documents होने चाहियें उसकी सूची नीचे दी गई है । जब भी आपको Demat Account खोलना हो यह Documents अपने पास तैयार रखें ।
i . आधार कार्ड
ii. पैन कार्ड ( Pan Card )
iii . बैंक अकाउंट ( Bank Account ) या Bank Statement
iv . पासपोर्ट साइज फोटो ( Passport Size Photo )
v. चेक बुक ( Cheque Book )
इन सभी Documents की सहायता से आप किसी भी Online Application या Website जैसे —– AngleOne , Grow , IndMoney , Upstox में account Open कर सकते है । KYC की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप SIP में अपनी निवेश की यात्रा शुरू कर सकते है ।
निष्कर्ष — Sip kya hai और इससे जुड़ी और भी बातें आप समझ गए होंगे ऐसा मेरा विश्वास है । अगर आपको SIP से अगर आप भरपूर फ़ायदा उठाना चाहते हैं तो इसमें जल्दी ( कम आयु में ) निवेश करना शुरू कर दें । इस निवेश को आप लम्बी अवधि तक करें । आप निवेश कम पैसे से भी शुरू कर सकते हैं । बाद में जब आप बड़े निवेश के लिए सक्षम हो जाएँ तो आप निवेश को बढ़ा भी सकते हैं । SIP या Share Market से लाभ Market के उतार – चढ़ाव अथवा उस कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है जिस कंपनी में आपने निवेश किया है । इसलिए पूर्ण रूप से Analysis करने के बाद और सोच समझ कर ही निवेश करें । अगर आपको यह आर्टिकल Sip Kya hai पसंद आया हो तो इसको और लोगों तक भी पहुंचाएं ।
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