दोस्तों आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताने जा रहा हूँ की Pe Ratio Kya Hota Hai ? इस का उपयोग कहाँ और कैसे होता है ? अगर हमें किसी कंपनी में निवेश करना है तो उस कंपनी का PE ratio कितना होना चाहिए ? इन सारे प्रश्नों के उत्तर के साथ आपको और भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा । इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है की इस आर्टिकल को पूरा पढें और एक अच्छे , जानकार और कमाई करने बाले निवेशक बने ।
ShareMarket में निवेश करने से पहले हर निवेशक को बहुत सारी जांच – पड़ताल करनी पड़ती है , जो बहुत जरुरी होती है । अगर हम ऐसा नहीं करते तो संभव है की हमें बहुत अधिक नुक्सान हो जाये । इन सब में जो एक महत्ब्पूर्ण विन्दु ( Point ) है जिसकी हमें गहनता से जांच करनी चाहिए बह है PE ratio किसी भी कंपनी के उतार – चढ़ाव में इसका बहुत योगदान होता है ।
PE Ratio Kya Hota Hai – (PE Ratio क्या है ?)
दोस्तों अगर मैं आपसे पूछूं कि क्या आप कभी बाजार में कोई सामान खरीदने गए हो ? मुझे पता है कि आपका जवाब हाँ में ही होगा । आप जब भी कोई सामान खरीदने जाते है तो कभी आपके मन में आता है कि जो सामान आप खरीद रहे है , दूकानदार कही आपको बह सामान महंगा तो नहीं दे रहा । दुकानदार आपसे अधिक पैसे तो नहीं ले रहा । तो आप कैसे पता लगाते हो ? आप उस वस्तु की अन्य विकल्पों के साथ तुलना करते हो तो आपको पता चल जाता है कि आपसे मूल्य अधिक लिया जा रहा है या नहीं ।
तो क्या Share Market में कोई ऐसा तरीका है जिस से हमें पता चल जाये कि जो Share हम खरीदना चाहते हैं , बह हमें महंगा मिल रहा है या सस्ता । Share महंगा है या सस्ता इसी चीज़ का पता लगाने के लिए Share Market में PE Ratio का प्रयोग किया जाता है । इसीलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि अगर आपकी Share Market से Shares खरीदने कि योजना है तो Pe Ratio Kya Hota Hai इसकी वास्तविक जानकारी होना बहुत ही जरुरी है । इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी । आपको कहीं ओर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी । जब आप पूरी तरह से सीख जाएँ गए तो उसके बाद आपको यह भी पता होना चाहिए की Share Market से शेयर कैसे खरीदें इसकी जानकारी के लिए आप यह बाला आर्टिकल पढ़ सकते हैं ।
शेयर कैसे खरीदें
किसी भी कंपनी का P/E Ratio उस कंपनी का वित्तीय अनुपात ( Financial Ratio ) होता है । इस P/E ratio से हमें ज्ञात होता है कि उस विशेष कंपनी का Share महंगा है या सस्ता ।
Share Market में P/E Ratio का व्यावहारिक अर्थ होता है ” Price To Earning Ratio ” । इस Ratio से हम पता लगा सकते हैं की अगर हम किसी कंपनी से एक रूपया कमाना चाहते हैं तो उसके लिए हमें कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी । P/E Ratio से हम यह भी पता लगा सकते हैं की एक ही sector की दो companies में कौन सी कंपनी अच्छी है जो उसको लाभ दिलवा सकती है ।
इस Ratio के आधार पर किसी कंपनी का Share खरीदना चाहिए या नहीं फैसला कर सकते हैं । P/E Ratio हमें किसी कंपनी के Stock Price और Earning Per Share ( EPS ) में क्या संबंध है , इसके सन्दर्भ में जानकारी देता है ।
चलो मैं आपको एक उदहारण के माध्यम से समझने का प्रयास करता हूँ —
- कोई एक कंपनी हैं जो एक वित्तीय वर्ष में ₹100 कमाती हैं। अभी Market में उस Company का एक ही Share हैं जिसे आपने ख़रीदा है । उस Share की वर्तमान कीमत ₹1,000 हैं और P/E Ratio 10 हैं।
- इसका सीधा – सीधा अर्थ यह हुआ कि एक साल में आपने उस कंपनी से ₹100 कमाने के लिए उसको ₹1,000 दिए हैं। दूसरे शब्दों में अगर मैं कहूं तो आप एक रुपया कमाने के लिए 10 रूपये दे रहे हैं।
दोस्तों अगर मैं आपको और भी सरल भाषा में समझायों तो आप इस तरह समझ सकते हैं की अगर आपने किसी कंपनी का 50 P/E Ratio बाला Share ख़रीदा है तो आपने एक रूपया कमाने के लिए उस कंपनी को 50 रूपए दिए हैं ।
P/E Ratio कैसे पता करें ?
अभी आपको पूरी तरह समझ आ गया होगा की Pe Ratio Kya Hota Hai परन्तु अब प्रश्न यह उठता है की पता कैसे करें की किसी कंपनी का P/E ratio कितना है ।
P/E Ratio निकालने के लिए किसी कंपनी के Share की जो वर्तमान में Price है उसको EPS से भाग ( Divide ) किया जाता है ।
मान लो किसी Company का CURRENT SHARE PRICE रूपए 100 है और उस Company का EARNING SHARE PRICE रूपए 20 है तो उसका P/E Ratio होगा —
PE RATIO =Rs. 100 ÷Rs. 20 = 5
इस उदाहरण से आप समझ गए होंगे की उपरोक्त कंपनी का P/E Ratio 5 होगा ।
EPS क्या है ?
जैसे आपको ऊपर भी बताया गया है कि EPS का अर्थ होता है EARNING PER SHARE यह कंपनी की NET INCOME को कंपनी के कुल Shares से Divide कर के निकाला जाता है । इस तरह EPS शेयर की Earning क्या है हमें बताता है ।
EPS से हमें पता चलता है की कोई कंपनी एक शेयर से कितना लाभ कमा रही है । किसी कंपनी का EPS जितना अधिक होगा उतना ही ठीक होगा ।
मान लो कोई कंपनी हैं जिसके कुल 2,000 शेयर हैं । बह कंपनी एक साल में 4 लाख रूपये की Earning करती हैं। इस तरह इस कंपनी का EPS हॉग = ( 4 लाख ÷ 2000 शेयर = ₹200 प्रति शेयर )
अगर इस कंपनी का Current Share Price ₹2,000 चल रहा हैं तो इसका P/E होगा = 10 (₹2,000 ÷ 200)
P/E Ratio का महत्ब ! ( Importance Of P/E Ratio )
निम्नलिखित कुछ कारणों से यह स्पष्ट हो जाता है की P/E Ratio का Share Market में क्या महत्ब है —
- P/E Ratio से निवेशक को पता चल जाता है कोई Share जिसे बह खरीदना चाहता है सस्ता है या महंगा ।
- अगर किसी निवेशक को एक ही Sector की दो Companies के shares में तुलना करनी हो तो बह आसानी से कर सकता है ।
- अगर आपको कभी Shares खरीदने हों तो आप को उस कंपनी का पिछले कुछ साल का P/E Ratio देख कर निर्णय ले सकते हैं ।
इस तरह हम कह सकते हैं कि PE Ratio का बहुत ही महत्व होता हैं।
PE Ratio के प्रकार (Types of Price to Earning Ratio)
PE Ratio दो प्रकार के होती हैं और यह कंपनी की आय पर निर्भर करती है ।
(i) Forward P/E Ratio
ii) Trailing P/E Ratio
(i) Forward P/E Ratio – जैसा की इस के नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि Forward PE Ratio कंपनी की भविष्य में क्या आमदनी ( Earning ) रहेगी इसके अनुमान के आधार पर निकली जाती है । इस PE Ratio को निकालने के लिए कंपनी की वर्तमान शेयर की कीमत ( Current Share Price ) और company की अनुमानित भविष्य में आमदनी (Estimated Future Earning ) से भाग ( Divide ) कर निकाली जाती है ।
Forward PE Ratio पर बहुत अधिक विश्वास नहीं किया जा सकता ।
(ii) Trailing P/E Ratio – Trailing PE Ratio कंपनी की भूतकाल में आय ( Income ) के आधार पर निकाली जाती है। यह PE Ratio कंपनी की वास्तविक स्थिति क्या है उसके बारे में सटीक जानकारी देती है । इस PE Ratio को निकालने के लिए कंपनी का वर्तमान बाजार भाव ( Current Market Price ) को भूतकाल में आय ( Past Earning ) को भाग ( Divide ) के आधार पर निकाला जाता है ।
P/E Ratio और Value Investing
आपने बहुत लोगों से कई बार सुना होगा की अधिक PE Ratio बाले Shares महंगे होते हैं और कम PE Ratio बाले Shares सस्ते होते हैं । यह बहुत हद तक सही भी है । परन्तु अगर आप इसी मापदंड के आधार पर Shares खरीदते हैं तो इसे आप की Value Investing नहीं कहा जा सकता ।
अगर ऐसा ही होता तो सभी लोग ऐसे ही Stocks में पैसा Invest करते और अमीर हो गए होते । लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं हुआ है । PE Ratio के साथ – साथ आपको कंपनी को कई और पैमानों के आधार पर परखना होता है ।
अगर किसी Stock का P/E Ratio बहुत अधिक है तो इसका मतलब है की उस Stock की Earning Per Share ( EPS ) Stock के वर्तमान कीमत ( Current Price ) से अधिक है । बहुत हद तक ऐसे Shares को खरीदना Value Investing नहीं है । बहुत सारे निवेशक ऐसे Shares खरीदने को नज़रअंदाज़ करते हैं ।
ऐसे Shares जिनका PE Ratio कम है । ऐसे shares में भविष्य में बढ़ोतरी की उम्मीद रहती है । निवेशक ऐसे Shares को खरीदना पसंद करते हैं ।
परन्तु एक अच्छा Investor बही है जो कंपनी के PE Ratio , EPS के साथ – साथ कंपनी का Detailed Technical Analysis , Fundamental Analysis तथा कुछ पिछले बर्षों का company की Performance का भी विश्लेषण करे । कंपनी घाटे में जा रही है या लाभ में है यह देखे । कंपनी के ऊपर Debt ( कर्जा ) कितना है । इन सभी का भी विश्लेषण कर ले ।
विश्लेषण कैसे करते हैं सीखने के लिए यह बाला आर्टिकल पढें Chart Patterns in Hindi
Share market में अगर आप किसी Stock को लम्बे समय तक Hold ( न बेचना ) कर के रखते हो तो यह भी आपकी Value Investing कहलाएगी ।
P/E Ratio का प्रयोग कैसे करें?
मुझे उम्मीद है की आपने PE Ratio Kya Hota Hai ( PE Ratio क्या होता है ) आपको अच्छी तरह समझ आ गया होगा । परन्तु आपके मन यह प्रश्न आ रहा होगा कि इसका प्रयोग कैसे करें ? तो चलिए इसका प्रयोग कैसे करना है एक उदाहरण से समझाता हूँ ।
मान लो एक PNB बैंकिंग सेक्टर कि कंपनी है । जिसका PE Ratio 50 है और दूसरी Hindustan petroleum कंपनी है । इसका PE Ratio 100 है । स्वाभाविक है कि PNB का Share आपको सस्ता लगेगा क्योंक उसका PE Ratio कम है हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी से । तो क्या आप दोनों कि तुलना करके यहाँ Bank का Share खरीद लेंगे । क्या यह सही निर्णय है ? तो मेरा कहना है कि यह बिलकुल सही निर्णय नहीं है ।
अब आप सोच रहे होंगे कि अभी ऊपर तो मैं ने कहा था कि कम PE Ratio बाले Stock खरीदना फायदेमंद रहता है । जी बिलकुल होता है , परन्तु आपको जब भी दो कंपनी में तुलना करके कोई Stock Buy करना हो तो यह ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है कि बह दोनों companies एक ही Sector की हों ।
ऊपर जैसे उदाहरण में बताया गया है कि एक कंपनी Banking Sector कि है दूसरी Petroleum Sector की । इन दोनों के PE Ratio कि तुलना करके Stock Buy कर लेना निवेश के लिए सही निर्णय नहीं है ।
PE Ratio कैसे घटता और बढ़ता है ?
आप देखते होंगे की PE Ratio घटता और बढ़ता रहता है । आखिर कैसे और क्यों PE ratio घटता और बढ़ता रहता है । आपके मन में यह सवाल भी जरूर उठता होगा । तो चलिए जानते है —-
Shares की कीमत निरंतर घटती और बढ़ती रहती है । आपको यह भी पता है की PE Ratio निकालने के लिए CURRENT SHARE PRICE को EPS से भाग ( DIVIDE ) किया जाता है । जब Shares की कीमत लगातार घटेगी और बढ़ेगी भी । स्थाई नहीं होगी तो जाहिर है की PE Ratio भी घटता और बढ़ता रहेगा ।
नीचे बाले उदाहरण से समझें —-
Company का नाम
XYZ Limited |
Current Market Price | EPS | PE RATIO |
सोमवार | 400 | 20 | 20 (400/20) |
मंगलवार | 500 | 20 | 25 (500/20) |
बुधवार | 450 | 25 | 18 (450/25) |
Industry PE Ratio
Industry PE Ratio एक सेक्टर की सभी companies के PE Ratio के औसत के आधार पर निकला जाता है ।
मानलो की Banking Sectors की सभी Companies का PE Ratio 70 है और PNB का PE Ratio 50 है तो इसका अर्थ यह हुआ की PNB का Share अपने Sector की average PE ratio से कम रेट पर मिल रहा है ।
अगर किसी कंपनी का PE Ratio अपने Sector की Average PE Ratio से अधिक है तो ऐसी कंपनी को Over Valued कहा जायेगा ।
क्या अधिक PE Ratio बाले Share खरीदने चाहियें ?
अभी तक आपको पूरी तरह समझ आ गया होगा की PE Ratio Kya Hota Hai और क्या PE Ratio ही देख कर Shares खरीदने चाहियें । हाँ यह बिलकुल सही है है की अधिक PE Ratio बाले Shares महंगे होते हैं । परन्तु Shares खरीदने के लिए सिर्फ यही एक PE Ratio ही पैमाना नहीं होना चाहिए । चलिए नीचे बाले Table के द्वारा समझते हैं —-
ABC कंपनी | Year – 1 | Year – 2 | Year – 3 |
EPS | 10 | 11 | 12 |
Market Price per Share | 100 | 110 | 120 |
P/E Ratio | 10 | 10 | 10 |
XYZ कंपनी | |||
EPS | 10 | 20 | 40 |
Market Price per Share | 150 | 500 | 1600 |
P/E Ratio | 15 | 25 | 40 |
आप उपरोक्त company में किस companies के shares लेना पसंद करेंगे । कंपनी ABC जो अपनी Earning को 10% के Rate के साथ ग्रो कर रही है और उसका PE भी 10 पर ही टिका हुआ है । या आप Company XYZ को महत्ब देंगे । जो हर वर्ष अपनी Earning को दुगना से भी अधिक कर रही है । परन्तु उसका PE 15 से 40 तक पहुँच गया है ।
आप देखेंगे की XYZ company का PE Ratio चाहे बहुत तेजी से ऊपर गया हो । लेकिन उसने Growth भी अच्छी की है । ऐसी कंपनी के PE बढ़ने को नकारत्मक संकेत नहीं माना जा सकता । अगर कंपनी की Growth अच्छी है तो PE Ratio का बढ़ना भी अच्छा संकेत है ।
चलो इस टेबल के माध्यम से समझते है —-
ABC कंपनी | Year – 1 | Year – 2 | Year – 3 |
EPS | 100 | 80 | 50 |
Market Price per Share | 2000 | 1200 | 500 |
P/E Ratio | 20 | 15 | 10 |
XYZ कंपनी | |||
EPS | 10 | 30 | 70 |
Market Price per Share | 100 | 450 | 1400 |
P/E Ratio | 10 | 15 | 20 |
इस Table में देखें की Company ABC का Pe Ratio 20 से घट कर 10 पर आ गया है । क्योंकि इसकी Earning में कमी आ गई है । इसलिए इस कंपनी को निवेश के लिए बेहतर नहीं माना जा सकता । चाहे इसकी PE Ratio कम हो ।
दूसरी तरफ XYZ कंपनी की Earning तो बहुत अधिक बढ़ रही है । परन्तु उसके Share की Price उतनी अधिक नहीं बढ़ रही । PE ratio भी इतना अधिक नहीं हुआ है ।
यह कंपनी निवेश के लिए वेहतर हो सकती है अगर बाकी बाले भी सारे मापदंडों (Parameters) पर कंपनी सही ठहरे तो !
Low P/E Ratio कारण
- किसी Stock का Under valued होना भी एक कारण हो सकता है
- Growth और Profit में कमी ।
- भविष्य में भी ख़राब प्रदर्शन की संभावना !
-
High P/E Ratio होने के कारण
-
- किसी Stock का Over valued होना ।
- High Growth
- भविष्य में वेहतर प्रदर्शन की संभाबना ।
- PE Ratio कितना होना चाहिए ?
- ऐसे तो कोई निश्चित नहीं है कि company का PE Ratio कितना होना चाहिए । लेकिन आप company के PE Ratio को उसी Sector की दूसरी कंपनी के PE Ratio से तुलना कर सकते हैं ।
- आप कंपनी के दो तीन साल के PE Ratio का औसत का पता लगा सकते हैं । बहुत सारी ऐसी Website हैं जो इस तरह कि जानकारी उपलब्ध कराती है । जैसे कि —— Investing.com ,
- Moneycontrol.com
TTM PE क्या होता हैं ?
TTM का पूरा नाम Trailing Twelve Months होता हैं। Accoutnig में पिछले 12 महीनो के लेखा जोखा ( Data ) के लिए इस का प्रयोग किया जाता है ।
PE Ratio की Limitations —
किसी भी कंपनी का PE Ratio का Analysis कर के कंपनी के प्रदर्शन का अंदाजा लगाया जा सकता है । परन्तु सिर्फ PE रेश्यो देख कर किसी भी कंपनी के Shares खरीदने का निर्णय लेना सही Investment नहीं कहा जा सकता । PE Ratio के आलावा और भी बहुत सारे मापदंड होते हैं जिनकी जांच जरुरी है ।
- PE Ratio कंपनी की Earnings के आधार पर निकाला जाता है । इसमें कंपनी के Debt ( क़र्ज़ ) को Ignore किया जाता है । अगर किसी कंपनी का PE Ratio अच्छा है । परन्तु उस कंपनी पर Debt बहुत अधिक है । तो यह कंपनी के लिए सही संकेत नहीं है ।
- PE Ratio हमें यह बताने में मदद करती है की कंपनी की Earning स्थिर रहेगी या नहीं । परन्तु ऐसा नहीं होता । यह समय समय पर बदलती रहती है ।
- कोई एक कंपनी जिसका PE Ratio 20 है और कोई दूसरी कंपनी जिसका PE Ratio 10 है । जिसका PE Ratio 10 है उसका Share हमें सस्ता मिलेगा । परन्तु किसी भी कंपनी का PE Ratio हमें यह नहीं बताएगा की किस कंपनी की Earning Qualitative है ।
- जैसे आप जानते हैं की PE Ratio Current Share Price के आधार पर निकाला जाता है । यह Price हर Trading Day में बदलती रहती है । इस तरह से यह सही तस्वीर पेश नहीं करता ।
FREQUENTLY ASKED QUESTION :
-
PE Ratio की फुल फॉर्म क्या होती हैं?
P/E Ratio का मतलब होता हैं Price to Earning रेश्यो।
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पीई रेश्यो कितना होना चाहिए?
PE कितना होना चाहिए यह निश्चित नहीं है । आप कंपनी का PE उस कंपनी के Sector का PE क्या है उससे तुलना कर सकते हैं । आप उसी Sector की किसी और कंपनी से भी PE की तुलना कर सकते हैं ।
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क्या केवल P/E Ratio द्वारा ही अच्छे शेयर का चुनाव सही है?
बिलकुल नहीं, सिर्फ इसी के आधार पर किसी कंपनी या Share का चयन करना सही नहीं होगा । आपको कुछ और Parameters पर Search करनी होगी ।
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हम PE रेश्यो कैसे निकाल सकते हैं?
PE Ratio निकालने के लिए आपको Current Share Price को Earning Per Share ( EPS ) से भाग ( Divide ) करना होगा । इससे आपका PE Ratio निकल आएगा ।
मुझे पूरा विश्बास है की PE Ratio Kya Hota Hai के सन्दर्भ में अब आपके मन में कोई शंका नहीं होगी । अंत में आपको एक बार फिर याद दिलाना चाहता हूँ की PE Ratio की मदद से हम अच्छे , सस्ते और महंगे Shares की जांच पड़ताल कर सकते हैं ।
यह एक अच्छा तरीका है परन्तु सिर्फ इसी को आधार बनाकर Shares न खरीदें । कंपनी और Shares का और भी तरीकों से एनालिसिस जरूर कर लें ।
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One reply on “इस तकनीक को अपना लिया तो आप भी शेयर मार्किट से कमाने लगेंगे पैसा !”
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