Option Trading in Hindi- आसान भाषा में समझें Option Trading क्या है ?

 

क्या आप Trading से पैसा कमाना चाहते है ? क्या आप जानना चाहते  हैं कि Option Trading क्या है ? तो इस आर्टिकल  Option Trading in Hindi को पूरा पढ़ें । इस आर्टिकल में मैं आपको बताने बाला हूँ कि Option Trading क्या होती  है ?  Put और Call क्या हैं और Option Trading में  इनकी क्या भूमिका है ? Option Trading कि लाभ और हानियां क्या हैं ?  ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखने के  लिए Best Book कौन सी है , ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं, ऑप्शन ट्रेडिंग के क्या नियम है, Option Trading किन लोगों को करनी चाहिए ? Option Trading risk Management  आदि सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए  इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े । मैं आपको विश्बास दिलाता हूँ कि  ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़े सभी प्रश्नों का हल आपको  मिल जाएगा!

option trading kya hai in hindi

Option Trading in Hindi | ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?

 

Option Trading एक तरह का अनुवन्ध ( Contract )  होता है । इस अनुवन्ध के माध्यम से किसी व्यक्ति को किसी चीज़ को खरीदने पर , भविष्य में एक निश्चित तिथि को निश्चित कीमत पर बेचने का अधिकार मिल जाता है । अब यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि बह उस  अधिकार का उपयोग करना चाहता  हैं कि नहीं । जाहिर है कि कोई भी व्यक्ति उस  अधिकार का उपयोग तब ही करेगा  जब उसको  लाभ  होगा ।

चलिए उदहारण से समझते हैं — मान लीजिए  पंकज  एक Businessman  है , वह रमेश  से  एक  एकड़ जमीन खरीदना चाहता  हैं जिसकी अभी Market Value   10 लाख है । जमीन के बारे में ऐसा सुनने को आ रहा है कि  गवर्नमेंट उससे थोड़ी दूरी पर एयरपोर्ट बनाने का निर्णय लेगी । पंकज जानता है कि जैसे ही गवर्नमेंट एयरपोर्ट बनाने का निर्णय लेगी तो उस जमीन की कीमत  बहुत  बढ़ जाएगी । इसी को देखते हुए पंकज  चाहता है कि वह जमीन को अभी की Market value  10 लाख रुपए में खरीद ले और जैसे ही उसकी प्राइस  बढ़े वह उसे बेचकर मुनाफा कमाए ।

पंकज  को शंका  है कि गवर्नमेंट अगर किसी कारणवश एयरपोर्ट बनाने का निर्णय ना ले तो उसके 10 लाख रुपए उस जमीन में फंस  जाएंगे । इसी रिस्क को देखते हुए पंकज  ने जमीन के पूरे पैसे ना देकर रमेश  को 50 हजार रुपए का टोकन अमाउंट दिया और यह एग्रीमेंट किया कि वह जमीन को आज नहीं आज से 3 महीने बाद 10 लाख रुपए की प्राइस पर खरीदेगा  । अगर 3 महीने बाद पंकज  उस जमीन को खरीदने का निर्णय नहीं लेते तो राहुल उनके दिए हुए 50 हजार के टोकन अमाउंट को रख सकते हैं ।

इस प्रकार मिस्टर पंकज  ने मिस्टर रमेश  को 50,000 रुपए देकर कॉन्ट्रैक्ट किया और 1 एकड़ जमीन को 3 महीने बाद खरीदने का अधिकार खरीदा ।

इसी तरह  के कॉन्ट्रैक्ट को हम ऑप्शन कहते हैं । जब हम ऑप्शन खरीदते हैं तो हमें यह ऑप्शन  ( विकल्प ) मिलता है कि भविष्य में हम किसी चीज को निर्धारित प्राइस पर खरीद या बेच सकते हैं ।

ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट हमेशा दो लोगों के बीच में होता है । जो ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीदता ( Buy )   है उसे Option Buyer  कहा जाता है और जो ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को बेचता ( Sale ) है   उसे  Option Seller  कहा  जाता है ।

जैसा की उदहारण में बताया गया है कि पंकज ने रमेश से जमीन खरीदने का अनुबंध ( Contract ) किया । इस तरह पंकज Option Buyer है और रमेश Option Seller कहलायेगा ।Option Seller से Option खरीदने के लिए जो कीमत ( Price ) अदा ( Pay ) कि जाती है उसे Option Price या Option Premium कहा जाता है ।

sharemarket me call aur put kya hai

option Trading में Call और Put  क्या होते हैं ?

 

किसी भी Index या स्टॉक को खरीदने के लिए जिन दो Options का प्रयोग किया जाता है , उन्हें Call और Put कहते हैं । अगर हमें लगे कि Market ऊपर जाएगी तो हमें Call Option  खरीदना चाहिए ।  यदि हमें लगता है कि यहां से मार्केट नीचे जाएगा तो उस समय हमें Put Option  खरीदना चाहिए ।

Call Option  क्या है ? | What is call option?

 

Call Option  उस  अनुबंध  को कहा जाता  हैं जब किसी वस्तु को  Buy करने पर हमें आने बाले समय  में उस  चीज को  एक निश्चित तिथि  और एक निश्चित कीमत  पर खरीदने का अधिकार मिल जाता है ।

हमारे उदाहरण में मिस्टर पंकज  ने मिस्टर रमेश  से भविष्य में जमीन खरीदने का अधिकार buy  किया । इस तरह मिस्टर पंकज  ने मिस्टर रमेश  से असल में एक  ऑप्शन बाय किया था । हम इस कॉन्ट्रैक्ट में मिस्टर पंकज  को Call Option Buyer  और मिस्टर रमेश  को Call Option सेलर  कहेंगे!

Put Option  क्या होता है? | What is put option?

 

पुट ऑप्शन हम उस ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को कहते हैं जिसे Buy  करने पर हमें भविष्य में हमें एक फिक्स डेट और फिक्स प्राइस पर सेल करने का अधिकार मिलता है!

उदहारण से समझते हैं — मान लीजिए रोहित  एक दूध वाला है और उसके पास एक डेयरी फार्म भी है । इस Dairy Form की  मार्केट प्राइस अभी 5 लाख रुपए है । रोहित  ने पिछले कुछ दिनों से देखा है कि पैकेज दूध के आने से उनके दूध की सेल कम हो रही है और हो सकता है कि कुछ दिन में उसे अपना डेरी बिज़नेस बंद करना पड़े । साथ ही रोहित  को पता है कि जब ऐसा होगा तो उनके डेयरी फार्म की प्राइस 5 लाख रुपए की तुलना में काफी कम हो जाएगी ।इसी बात को ध्यान में रखते हुए रोहित  अपने Dairy Form  को बर्तमान  के मार्केट प्राइस 5 लाख पर बेचना  चाहते हैं  ।

रोहित के मन में यह भी शंका  है कि हो सकता है  कुछ दिनों बाद लोगों को पैकेज दूध  उतना अच्छा ना लगे और लोग फिर से उसी का दूध खरीदना शुरू कर दे । ऐसी स्थिति में वापस से उनकी सेल्स बढ़ जाए । इन दोनों तरह के रिस्क को देखते हुए मिस्टर रोहित  ने अपने बिजनेसमैन दोस्त  मिस्टर राजेश  को 20 हजार रुपए देकर  अपना डेरी फार्म 6 महीने बाद 5 लाख रुपए में बेचने  का Option Contract  किया । यानी कि रहित  के पास अब यह ऑप्शन(विकल्प )है कि 6 महीने बाद वह मिस्टर राजेश  को अपना डेरी फार्म 5 लाख रुपए में सेल कर सकते हैं ।

लेकिन यह मिस्टर रोहित  पर है कि वह 6 महीने बाद ऐसा करना चाहेंगे या नहीं । अगर मिस्टर रोहित ने  अपने इस ऑप्शन का इस्तेमाल करके अपने डेयरी फार्म को बेचने का निर्णय लिया तो  मिस्टर राजेश  को उनका डेरी फार्म 5 लाख रुपए में खरीदना ही पड़ेगा , फिर चाहे मिस्टर रोहित  के डेयरी की प्राइस 2 लाख ही क्यों ना हो गई हो!

इस तरह इस उदाहरण में मिस्टर रोहित  ने मिस्टर राजेश  से भविष्य में अपना डेरी फार्म 5 लाख रुपए में सेल करने का Option Contract  Buy  किया और हम ऐसे ऑप्शन को ही Put Option  कहते हैं ।इस Contract  में हम मिस्टर रोहित  को Put Option Buyer  और मिस्टर राजेश  को Put Option Seller  कहेंगे ।

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें? | option trading kaise kare-

 

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक Demat Account  खुलवाना होता है। यह  Account  आप ऑनलाइन अपने मोबाइल की मदद से खोल सकते हो! Demat Account  ओपन होने के बाद आपको उसमें F&O  सेगमेंट  एक्टिव करवाना होता है । उसके बाद आप आसानी से इंडेक्स(निफ़्टी, बैंक निफ़्टी) और स्टॉक में ट्रेडिंग कर सकते हो ।

Option Trading दो तरह से की जाती है जिसका विवरण नीचे बताया गया है  –

  • option buying
  • option selling

Option Trading हम Buying Call और Put call दोनों तरीकों से कर सकते हैं । अगर हमें लगे की आज market का trend Positive रहेगा अथवा market ऊपर जा सकती है तो तो हमें Call Buy करना है । अगर  Technical analysis के आधार पर यह लगे कि मार्किट नीचे जा सकती है तो Put Option Buy करना है । Option ट्रेडिंग आप बहुत छोटे Amount से भी यानि 200-300 रूपए से भी शुरू कर सकते हैं ।

Option Trading में आप  Call और Put दोनों Options में से  किसी को भी Sale कर सकते हो । मार्किट के ऊपर जाने कि संभाबना हो तो Call Option Sale करना  है।  अगर आपको ऐसी शंका हो कि यहाँ से Market निचे जाएगी तो आपको Put Option sale करना है ।

Option buying लाभदायक  है या  Option selling ?

 

कुछ लोग Option selling करते हैं और कुछ लोग Option Buying करते हैं । परन्तु अधिकतर लोग Option Selling ही करते हैं क्योंकि Option Buying में हानि कि संभाबना अधिक रहती है ।

Option Selling में अधिक पैसा  लगता है Option Buying कि तुलना में , Market का trend भी उसी तरफ ही जाता हैं यहाँ अधिक पैसा लगा हो । इसीलिए अधिकतर बड़े – बड़े Traders Option Selling ही करते हैं ।  क्योंकि उन्हें पता होता है कि मार्केट कौन सी डायरेक्शन में जा सकता है ।

मार्केट में ज्यादातर पैसा Option seller ही कमाता है जबकि Option buyer ज्यादातर नुकसान करते हैं क्योंकि Option seller के पास बहुत अधिक अनुभव  और अधिक पैसा होता है जबकि ज्यादातर Option buyer मार्केट में नए लोग होते हैं ।

यह जरूरी नहीं है कि Option seller ही ज्यादा पैसा कमाता है । बहुत सारे Option buyer भी होते हैं जो दिन के करोड़ों कमाते हैं । लेकिन इसके लिए आपके पास बहुत अधिक अनुभव  की जरूरत है । आपको पता होना चाहिए कि Option seller किस दिशा में मार्केट को ले जाना चाहते हैं । अगर आप भी उनके डायरेक्शन में पैसा लगाते हो तो आपको भी उनके साथ प्रॉफिट मिल सकता है ।यह सब आपको optiopn Chain , Candlestick Pattern , Option Greek  आदि सीखने पर आसानी से पता चल जाएगा ।

अगर  Option Trading समझने में थोड़ी कठिनाई आ रही है तो आप Trading की  शुरुआत Intraday Trading से कर सकते हैं । यह आसान भी है और इसमें Risk भी कम है ।” शेयर कैसे ख़रीदेसीखने के लिए आप इस पर Click कर के article पढ़ सकते है । इसमें विस्तार से share Kaise Kharide बताया गया है ।

Option Trading में सफल कैसे हों ?

 

  • अगर article पढ़ते- पढ़ते आपने मन बना लिया है कि आपको Option Trading अभी शुरू कर देनी है तो मेरा सुझाव है कि इतनी शीघ्रता न करें । इसको अभी थोड़ा ओर गहराई से सीखें और समझें ।
  • रोज लाइव मार्केट में कैंडलेस्टिक पेटर्न को देखना चाहिए और साथ में पेपर ट्रेड भी करना चाहिए!
  • optiopn Chain,Candlestick Pattern , Option Greek    और कुछ महत्वपूर्ण इंडिकेटर के बारे में पता होना चाहिए!
  • अगर आपको एक सफल Option Trader  बनना है तो आपको अपना बेसिक मजबूत करना होगा ।
  • आपको अपनी भावनाओं   पर कंट्रोल होना चाहिए!
  • आपको आपने Risk Reward Ratio का पालन  करना चाहिए!

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें ?

 

शुरू – शुरू में बहुत काम Investment के साथ , बहुत कम Lot के साथ trading कि शुरुआत करें । बाद में आपको जैसे – जैसे लाभ होगा आप अपनी Investment अथबा lot का Size बढ़ा सकते हैं ।

  • एक सफल Trader बनने के लिए आपको Option Trading की Basic चीज़ों को सीखना पड़ेगा । आप Basics में जितना मजबूत होंगे , उतना ही आप एक सफल और Profitable trader बनेगे ।
  • Candlestick Chart Pattern को बार-बार बारीकी से समझे!
  • लाइव मार्केट में कैंडलेस्टिक पेटर्न की प्रैक्टिस करें ।
  • हमेशा Buyer और seller कि भावनाओं को पहचानने का प्रयास करें । यह काम आप Candles की  study कर के बड़ी आसानी से पता लगा सकते हैं । Candles कि study के लिए आप यह आर्टिकल  Candlestick Chart Pattern in Hindi को पढ़ सकते हैं ।
  • किसी अच्छे सलाहकार या टीचर से सीखने की कोशिश करें ।
  • जब तक आप 80- 90% सही ना हो तब तक पेपर ट्रेड करें , उसके बाद ही रियल मनी से ट्रेड करें ।

ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम

 

एक सफल ऑप्शन ट्रेडर बनने के लिए आपको अपना Risk Management, Money मैनेजमेंट और अपने Emotions  को कंट्रोल में रखना होगा । इनके बिना आप चाहे कितनी ही प्रैक्टिस कर ले आप सफल ट्रेडर नहीं बन सकेंगे ।

Stoploss और target को फॉलो करें-

 

कोई भी Trade या Stock लेने के बाद एक निश्चित Point पर Stoploss और  निश्चित Point पर Target लगाना चाहिए । अगर आपने Stoploss का नियम का पालन नहीं किया और Market दुर्भाग्यबश विपरीत दिशा में चली गई तो आपको हानि हो सकती है । इसका मतलब हुआ कि आपको पैसों का नुक्सान हो सकता है । stoploss हमेशा technical Analysis के आधार पर लगाएं ।

आपका Stoploss आपके Target से बडा नहीं होना  चाहिए ।

Risk to reward ratio को फॉलो करें-

 

Risk to reward Ratio  का मतलब होता है कि अगर मार्केट आपकी दिशा में नहीं जाता है तो आप कितने रुपए का रिस्क ले सकते हैं , यानी कि कितने रुपए आप अपने पर ट्रेड में मार्केट को देने को तैयार हो सकते हैं जिससे आपके इमोशन और आपकी फैमिली पर कोई फर्क ना पड़े । अगर आप Risk to reward ratio को सही से फॉलो नहीं करते  हो तो आप ट्रेडिंग में कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे!

Risk management-

 

Risk management करने के लिए 2% का नियम बनाया गया है जब आप ट्रेड करते हैं तो आपकी संपूर्ण राशि जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में है आप  उसमें से 2% से ज्यादा का रिस्क नहीं ले सकते क्योंकि जब आपको नुकसान होगा तो आपको आपकी संपूर्ण राशि का केवल 2% ही नुकसान होगा जो एक ट्रेड में नुकसान के लिए योग्य है ।

उदाहरण  -दोस्तों मान लीजिए आप 1 लाख रुपए का निवेश कर रहे हैं तो आपके एक सिंगल ट्रेड में पूरे निवेश का केवल 2% ही रिस्क होना चाहिए यानी कि जब आप 1 लाख रुपए लगाते हैं और मार्केट आपकी विपरीत डायरेक्शन में जाने लगता है तो आपको केवल 2000 रुपए का ही नुकसान होगा!

यह 2% का नियम आपके पूरे कैपिटल पर लागू होता है ।

Risk to reward ratio-

 

जब आप Technical analysis के आधार पर Trading   करते हैं कोई भी ट्रेडिंग सेटअप आपको 70% अधिक  एक्यूरेसी नहीं दे सकता । हर एक Technical analysis का  10 में से 3 बार फेल होने की संभावना रहती है । जब हमारा टेक्निकल एनालिसिस फेल होता है तो Risk to reward हमारे लॉस को काफी हद तक कम कर देता है ।

दोस्तों Risk to reward थ्योरी में 1:3 के नियम को सबसे लोकप्रिय माना जाता है अधिकांश इंट्राडे ट्रेडर इसी रेश्यो को फॉलो करते हैं । इसका मतलब यह है कि जब आप कोई ट्रेड ले रहे हैं तब आपका अगर टारगेट 3 रुपए का है तो आप का स्टॉप लॉस 1 रुपए का होना चाहिए जैसे कि आपने कोई ट्रेड दिया जिसमें आपका टारगेट ₹3000 का है तो उसमें आपका स्टॉपलॉस कम से कम 1000 रुपए का तो होना ही चाहिए!

इसके अलावा आप ज्यादा रिस्क ले सकते हैं तो आप 1:2 और 1:1 का Risk to reward फॉलो कर सकते हैं 1:1 का मतलब आप जितने का टारगेट रखते हो इतने रुपए का आप Risk  भी ले सकते हो ।इन तीन ratio के अलावा आपको दूसरा कोई ratio फॉलो नहीं करना है ।

Risk to reward ratio का नियम आप जो अभी वर्तमान में जो ट्रेड ले रहे हो उस पर लागू होता है ।  यानी कि आप जो वर्तमान में ट्रेड ले रहे हो उस पर कितने रुपए का रिस्क ले सकते हो!

अपने इमोशन और साइकोलॉजी को कंट्रोल करना सीखो-

 

अगर आप एक Option Trader हैं और आपने अभी तक अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना नहीं सीखा है तो संभब है कि आप एक सफल trader कभी न बन सकें ।

इमोशन पर कंट्रोल नहीं होने के कारण आप बहुत बार अपने टारगेट से पहले कम प्रॉफिट में ही निकल जाते हैं और जब आपका Loss  चल रहा हो तो आप अपने Stoploss  को फॉलो नहीं करते और एक बड़ा लॉस ले लेते हैं । जिससे आपका रिस्क मैनेजमेंट का नियम  फॉलो नहीं होता ।

इमोशन के कारण ट्रेड लेने के बाद अगर  आप  Stoploss और  Target  को सही से फॉलो नहीं करते हो । जिससे आप कभी भी प्रॉफिटेबल नहीं होते हो । अगर ट्रेड लेने के बाद ट्रेड के बीच में आपका इमोशन आ रहा है तो आप को ट्रेड नहीं लेना चाहिए ।

ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स | intraday trading tips-

 

  • ट्रेड लेने से पहले अपने आप से सवाल करें कि क्या मेरा Technical Analysis  सही है आपको अपने एनालिसिस पर विश्वास होना चाहिए!
  • set-up बनने पर ही ट्रेड ले कोई भी बार-बार रेंडम ट्रेड नहीं लेना चाहिए ।
  • आप कितना नुकसान सह सकते हैं । आपको एक निश्चित दिन में कितना profit चाहिए । इसके हिसाब से Stoploss और Target लगाना चाहिए । आपको अपनी भाबनाओं को नियंत्रित करना आना चाहिए ।
  • कोई Stock लेने के बाद आप अपनी भावनाओं में बह रहे हैं तो आपको ट्रेड नहीं लेना चाहिए ।
  • stoploss और traget दोनों से जो पहले मिले वह लेकर मार्केट से निकल जाना ही सही नीति है ।
  • एक दिन में बार-बार  ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए!
  • बड़े Target के लिए Trailing stoploss का पालन करें ।

Trading के लिए Best Book कौन सी है ?

 

  • कैंडलेस्टिक एनालिसिस और कैंडल स्टिक की पहचान
  • इंट्राडे ट्रेडिंग की पहचान
  • ऑप्शन स्ट्रेटजी की पहचान
  • ट्रेडनीति
  •  Some Frequently Asked Questions :

कॉल और पुट ऑप्शन में क्या अंतर है?

कॉल और पुट ऑप्शन में अंतर –  कॉल Option तब लिया जाता है जब Market ऊपर जाये । Put Option तब लिया जाता है जब लगे कि Market नीचे जा सकती है ।

पुट ऑप्शन पर आप कितना खो सकते हैं?

पुट ऑप्शन पर आप कितना खो सकते हैं? Stoploss लगाकर Trading करें अन्यथा  Option में आप पैसा गंबा भी सकते हैं ।

आपको ऑप्शन कॉल कब बेचना चाहिए?

आपको ऑप्शन कॉल कब बेचना चाहिए? ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल तब बेचना चाहिए जब आपको लगता है कि मार्केट यहां से नीचे जा सकता है!

क्या ऑप्शन राइटिंग सेफ है?

क्या ऑप्शन राइटिंग सेफ है? Option Righting बहुत हद तक सुरक्षित है Option Buying से क्योंकि इसमें Time Decay नहीं होता ।

ऑप्शन का प्राइस कब बढ़ता है?

ऑप्शन का प्राइस कब बढ़ता है? जब Market आपके द्वारा चुनी हुई दिशा में जाती है तो Option Price बढ़ता है ।

अधिक जानने के लिए-https://en.wikipedia.org/wiki/Option_(finance)

 

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