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Little Cash – Mobile Loans – डिजिटल लेंडिंग का नया दौर !

 

आज के डिजिटल युग में Little Cash – Mobile Loans तीब्र गति से बढ़ता हुआ विकल्प बन चूका है । यह लोगों को तुरंत और बड़ी आसानी से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है । जैसे – जैसे स्मार्टफोन और इंटरनेट के विस्तार हो रहा है , मोबाइल ऍप्लिकेशन्स के माध्यम से लघु अथवा छोटे ऋण लेना और भी आसान हो चूका है ।

Little Cash - Mobile Loans

 Little Cash-Mobile Loans क्या  है ?

Little Cash – Mobile Loans से तात्पर्य है की ऐसे छोटे और अल्पकालिक ऋण जो कोई व्यक्ति मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं । इस प्रकार के ऋण आमतौर  पर बिना किसी जमानत अथवा एसेट ( Collateral ) के दिए जाते हैं ।

ऐसे ऋण किसी व्यक्ति की वित्तीय जरूरतों को तुरंत पूरा करने के लिए सहायक बनते हैं । अगर किसी ने कोई छोटा – मोटा व्यवसाय करना हो तो इस तरह का ऋण उसके लिए लाभदायक रहता है ।

 भारत  में  Mobile Loans का महत्व !

भारत में पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल ऋण क्षेत्र ( Digital Lending ) में अत्यधिक वृद्धि देखने को मिली है । Fintech Association for Consumer Empowerment (FACE) के अनुसार FY23 – 24 में डिजिटल ऋणदाता ( Digital Lenders ) ने 10.19 करोड़ तक ऋण का वितरण किया है ।  आगे हम पिछले कुछ वर्षों का विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं :

     year    Disbursed Loan      ( In Crores )      Net Worth           ( In Crores) Average Ticket Size ( In Rs.)
FY21 2.66 18,000 14,000
FY22 7.1 92,267 12,989
FY23 10.19 1,46,517 12,648

 

Little Cash - Mobile Loans

 Mobile Loans की  लोकप्रियता  के  कारण !

  1. स्मार्टफोन का विस्तार — भारत एक बड़ी जनसँख्या बाला देश है । इस प्रकार भारत में लगभग 750 मिलियन लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं जो एक बड़ी संख्या है । इस तरह मोबाइल एक वित्तीय लेनदेन का प्रमुख माध्यम बन चूका है ।
  2. डिजिटल जागरूकता : डिजिटल जागरूकता भी इसका एक प्रमुख कारण है । डिजिटल टूल की बढ़ती लोकप्रियता ने भी Little cash – Mobile loans बढ़ावा दिया है ।
  3. तुरंत अनुमोदन: मोबाइल  के माध्यम से लोन तुरंत अनुमोदित हो जाता है जो वित्तीय जरूरतों को तुरंत पूरा करने में उपयोगी है ।
  4. आसान दस्तावेजी प्रक्रिया: मोबाइल लोन प्रक्रिया में साधारण आवेदन प्रक्रिया की जरुरत होती है । यह प्रक्रिया यूजर फ्रेंडली है ।

कौन ले रहा है लोन ?

  • नगरीय और उप – नगरीय निवासी — वेहतर इंटरनेट पहुँच के साथ इन क्षेत्रों के निवासी डिजिटल लेंडिंग मंचों ( Digital Lending platforms) का अधिक उपयोग किया जाता है ।
  • लघु व्यबसायी — व्यबसाय में वृद्धि और विस्तार के लिए तुरंत पूंजी की आवश्यकता रखने बाले व्यवसायी इस तरह के मोबाइल लोन की तरफ आकर्षित होते हैं

नियामक दृष्टिकोण ?

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ( RBI) ने डिजिटल लेंडिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिनका उल्लेख निम्नलिखित दिया गया है ।

  •  अनिवार्य पंजीकरण –— जितनी भी डिजिटल लेंडिंग ऍप्लिकेशन्स का RBI के साथ पंजीकरण अनिवार्य है ।
  • शर्तें — जितने भी Lenders हैं उन्हें Borrowers को अपने  सारे charges और शर्तें स्पष्ट रूप से बतानी होंगी ।
  • डाटा प्राइवेसी — यूजर डाटा और प्राइवेसी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कठोर नियम बनाये गए हैं ।

Digital Lending में चुनौतियां !

Little Cash – Mobile Loans उपभोक्ताओं को कई तरह के ऋण प्रदान करता है । उधारकर्ताओं ( Borrowers ) को चाहिए की मोबाइल लोन सुविधा का लाभ उठाते हुए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें ।

  • उच्च व्याज दर — कुछ उधारदाता अथवा मोबाइल लोन ऍप्लिकेशन्स उच्च व्याज दर बसूलते हैं । उधारकर्ताओं को पूरी जांच तथा  स्पष्ट रूप से व्याज दर जानने के बाद ही मोबाइल लोन लेना चाहिए ।
  • छिपे हुए चार्ज — किसी भी एप्लीकेशन के माध्यम से लोन लेने से पहले लोन लेने बाले व्यक्ति को सभी चार्जेस और फीस के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए ।
  • डाटा की सुरक्षा — किसी भी तरह की लोन एप्लीकेशन को प्रयोग करने से पहले सुनिश्चित कर लें की आपका डाटा और प्राइवेसी सुरक्षित है या नहीं ।

निष्कर्ष —

भारत में डिजिटल लेंडिंग मार्किट में लगातार वृद्धि हो रही है । तकनीक में प्रगति और वित्तीय समावेशन के प्रयासों के साथ Little Cash – Mobile Loans देश के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र ( Financial Ecosystem ) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है ।

जैसे – जैसे उपभोक्ता डिजिटल रूप में सक्षम होते जाएंगे , सुलभ और पारदर्शी ऋण समाधान की मांग भी बढ़ती जाएगी । उधारदाता और उधारकर्ता ( Lenders And Borrowers ) दोनों के लिए यह जरुरी है की इस क्षेत्र में जिम्मेदारी के साथ कदम बढ़ाएं और एक अच्छा वित्तीय वातावरण सुनिश्चित करें ।