आज हम आपको Intraday Trading In Hindi  के बारे में बताएंगे । जिसमें हम आपको trading psychology से संबंधित टिप्स देंगे जिन्हें जाने बिना आप कभी भी ट्रेडिंग में सफल नहीं हो सकते क्योंकि ट्रेडिंग में स्ट्रेटजी केवल 20% ही काम करती है बाकी 80% आपकी साइकोलॉजी ही काम करती है!

दोस्तों अगर आप ट्रेड करते हैं तो आपके साथ ऐसा कई बार हुआ होगा कि आपने पूरी रिसर्च के बाद ट्रेड लिया और ट्रेड के बाद आपको प्रॉफिट दिखाई भी देता है पर लास्ट में आपको लॉस हो गया अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आज मैं आपको इस आर्टिकल Intraday trading In Hindi  में ट्रेडिंग से रिलेटेड ऐसी टिप्स बताऊंगा जिसके बाद आपका लॉस होना बंद हो जाएगा!

intraday trading in hindi-

 

अगर आपने Trading सीखी है , परन्तु फिर भी आपको Trading में  हानि हो रही है । तो इसका सीधा सा अर्थ है की आपको Trading तो आती है ।  आपकी Trading की रणनीति  भी ठीक है । लेकिन आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण  नहीं रख पा  रहे हो  । आपके इमोशन जैसे कि डर, गुस्सा, लालच, Over Confidence   के कारण आपको लॉस हो रहा है जो कि मनोविज्ञान ( Psychology) का भाग  है ।

दोस्तों ग्राहक भी अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर ध्यान नहीं देते हैं तो आपको ऐसे ही रोज होता रहेगा और लास्ट में आप निराश होकर स्टॉक मार्केट छोड़ देंगे और आप भी उन 95% लोगों में आ जाएंगे जो ट्रेडिंग में पैसा डूबा देते हैं!

अगर आपने आज इस लेख ( Article) Intraday Trading In Hindi को ध्यानपूर्वक पढ़ कर इसमें बताई गई Trading Psychology Tips को अपने जीवन में अपना लिया । भावनाओं पर नियंत्रण करना सीख लिया ।तो आप  भी उन 5% लोगों में शामिल हो जाएँ गए जो Trading से पैसा कमाते हैं । क्योंकि ट्रेडिंग में स्ट्रेटजी केवल 20% ही काम करती है बाकी 80% आपकी साइकोलॉजी ही काम करती है!

Intraday Trading in Hindi
Intraday Trading Tips in Hindi

Trading psychology kya hoti hai-

 

दोस्तो Intraday Trading In Hindi के इस आर्टिकल में आपको बताने बाला हूँ की अगर आपको कामयाब होना है तो आपकी Trading  साइकोलॉजी का बहुत भूमिका होगी । Trading Psychology  का मतलब माइंडसेट से है दोस्तों जब आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपके इमोशन आपके ट्रेडिंग के हिसाब से बदलते रहते हैं अगर आपको प्रॉफिट हो रहा होता है तो आप खुश होते हैं और अगर आपको लॉस हो रहा हो तो आप दुखी होते हैं और आपको गुस्सा आता है!

यह इमोशन तो नेचुरल है लेकिन जब आप एक इमोशन की वजह से गलत निर्णय ले लेते जैसे कि गुस्से में ट्रेड लेना या यह सोच कर ट्रेन लेना कि आपको अपना लॉस रिकवर करना है तो ऐसी स्थिति मे आप गलत निर्णय ले लेते हैं और यह गलत ही आपका लॉस करवाते हैं!

EX-आपने 5000 लगाकर एक ट्रेड लिया उस ट्रेड में आपको प्रॉफिट होने लगा और आपका पैसा बढ़कर 7000 हो गया अब आप इंतजार करने लगे कि थोड़ा और प्रॉफिट होगा तब बेचूँगा और अब आपका प्रॉफिट बढ़कर 8000 हो गया अब आप सोच रहे हैं कि जब पैसा बढ़कर 10,000 हो जाएगा तब बेचूँगा जैसे-जैसे आपका प्रॉफिट बढ़ेगा आपका लालच भी बढ़ता जाएगा!

लेकिन मान लीजिए शेयर की प्राइस 8000 से अब गिरने लग गई और शेयर की प्राइस गिरकर 7000 हो गई । तब आपको लगेगा कि अगर शेयर की प्राइस वापस एक बार 8000 हो जाए तब बेचूँगा । परन्तु मार्किट लगातार गिर रही है और आपके स्टॉक की प्राइस भी नीचे ही जा रही है । अब मान लीजिए आपका पैसा घटकर  4000 रूपए  हो गया  । अब आप बहुत ज्यादा दुखी हो जाएंगे । खुद को कोसने लगेंगे । अब आप सोचेंगे कि वापस मेरा पैसा 5000 या उससे अधिक हो  तो मैं बेच दूंगा । ऐसे करते-करते आपका पूरा कैपिटल लॉस में चला जाता है ।

अब दूसरा ट्रेड लेंगे और बार-बार लॉस रिकवर करने की सोचेंगे । जिससे आपका एक बहुत बड़ा लॉस हो जाएगा । हो सकता है  आप को मजबूरन   शेयर मार्केट छोड़ना पड़ जाये ।

अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है क्योंकि मैं जानता हूं कि ज्यादातर लोगों के साथ ऐसा ही होता है । ऐसा न हो  इसके लिए आपको सबसे पहले  आपने  इमोशन पर कंट्रोल करने की जरूरत है । पर दोस्तों बहुत से लोगों की प्रॉब्लम यह है कि वह  इमोशन पर कंट्रोल नहीं कर पाते । इमोशंस पर नियंत्रण  इतना आसान है भी नहीं है । क्योंकि आप जैसे ही ट्रेड देखेंगे । ट्रेड में आपके इमोशन आना शुरू हो जाएंगे ।

ट्रेडिंग के साथ आप भावनात्मक रूप से न जुड़ें । इसके लिए आपको कुछ नियम बनाने होंगे और उन नियम को फॉलो करना होगा ।

 

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शेयर  मार्किट  को   Chart Pattern के माध्यम से समझें 

 

– Trading Psychology Tips

 

  • लॉजिक के साथ ट्रेड करें!
  • आपको ट्रेड लेने से पहले निश्चित करना चाहिए आपका risk और reward क्या होगा!
  • आपको कभी भी मार्केट में लॉस रिकवर करने के बारे में नहीं सोचना है!
  • किसी भी Stock को इसलिए न खरीदें कि उसकी कीमत बढ़ रही है
  • ट्रेडिंग में कोई भी illogical hope नहीं रखनी है!
  • आपको एक ट्रेड में है उतना ही रिस्क लेना चाहिए जिसके लॉस होने पर आपको कोई खास फर्क ना पड़े!
  • आपको 1 दिन में कितने ट्रेड लेंगे यह भी आपको पहले से ही डिसाइड कर लेना चाहिए!
  • धीरज (Patience) रखें!
  • अपने रिस्क को मैनेज करना सीखें!
  • अपने हर एक ट्रेड का एनालिसिस करें!

लॉजिक के साथ ट्रेड करें-

 

जब भी आप किसी Stock को खरीदें तो Logic के आधार पर खरीदें । आपके पास पूर्ण और स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए कि किसी Stock कि Trade Value बढ़ेगी  तो क्यों बढ़ेगी । उसके पीछे कुछ लॉजिक होना चाहिए चाहे आप सपोर्ट रेजिस्टेंस देख रहे हो, Candlestick Pattern  देख रहे हो, इंडिकेटर देख रहे हो, या फिर प्राइस एक्शन देख रहे हो आपके ट्रेड लेने के कारण का कोई ना कोई लॉजिक होना चाहिए ।

क्योंकि जब आप किसी लॉजिक के आधार पर ट्रेड करेंगे तब आपका उस ट्रेड कॉन्फिडेंस होगा लेकिन आप जब बिना किसी लॉजिक के ट्रेड करेंगे तो आपको कुछ भी नहीं समझ आएगा कि कहां खरीदना है और कहां बेचना, बिना लॉजिक के आपके गलत डिसीजन लेने की संभावना बढ़ जाएगी

risk reward ratio कैलकुलेट करें-

 

आपको ट्रेड लेने से पहले निश्चित करना चाहिए आपका risk और reward क्या होगा यानी कि आपका stoploss और टारगेट क्या होगा अगर आप पहले से टारगेट स्टॉप लॉस डिसाइड नहीं करेंगे तो हो सकता है आपको एक या दो बार उम्मीद से ज्यादा प्रॉफिट हो जाए लेकिन ज्यादातर ट्रेड में आपको लॉस ही होगा जितना प्रॉफिट आप कमाएंगे उससे ज्यादा आपको लॉस हो जाएगा!

इसलिए आपको ट्रेड लेने से पहले ही यह डिसाइड कर लेना चाहिए कि आपका risk यानी कि आपका स्टॉप लॉस और reward यानी कि आप का टारगेट क्या होगा!

उदाहरण – चलिए एक उदाहरण के साथ समझते हैं  । अगर आप कोई Trade या Stock 5000/- का ले रहें तो आपको पहले ही यह निर्णय कर लेना चाहिए कि आप कितना risk ले सकते हैं । अगर आपकी रिस्क लेने कि Capacity 1000/- रूपए तक है तो किसी भी हाल में इस से अधिक Stop Loss न लगाएं । अगर आपका Target ( Profit ) 2000/- रूपए है तो आपको Target पूरा होते ही Market से  बाहर निकल आना चाहिए ।

इसका  अर्थ यह हुआ कि Stop Loss और Target में जो भी पहले Hit हो जाये उसी को लेकर Market से Quit हो जाना चाहिए यही सही रणनीति है ।

अगर आप ज्यादा प्रॉफिट कमाना चाहते हो तो ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग कर सकते हो यानी कि जैसे-जैसे प्राइस बढ़ती जाए आप अपना स्टॉपलॉस भी प्राइज के साथ चेंज कर सकते हो!

लॉस रिकवर के बारे में नहीं सोचना-

 

आपको कभी भी मार्केट में लॉस रिकवर करने के बारे में नहीं सोचना है अगर आप लॉस रिकवर करने की सोच रहे हो तो इसका मतलब आप किस्मत के भरोसे बैठे हो क्योंकि अगर आप लॉजिक के आधार पर देखेंगे तो कभी भी लॉस रिकवर करने की नहीं सोचेंगे बल्कि हर ट्रेड को एक नया ट्रेड मानेंगे क्योंकि आपको एक ट्रेड पर कितना प्रॉफिट हो सकता है यह इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आपने इससे पहले वाली ट्रेड में कितना लॉस करवाया!

तो हर ट्रेड को एक नया ट्रेड मानकर ट्रेड लो और यह नहीं सोचना कि आपको लॉस रिकवर है जो बीत गया उससे सीख ले कर आगे बढ़ना है!

Stock की बढ़ती Value को देख कर Trade न लें ।

अगर किसी स्टॉक प्राइस बढ़ रही है तो उसमें यह सोच कर ट्रेड ना ले कि इसकी प्राइस बढ़ रही है तो ट्रेड ले लेता हूं मुझे भी प्रॉफिट हो जाएगा ऐसे केस में आप ज्यादातर तब एंट्री लेते हैं जब उसकी प्राइस बढ़ चुकी होती है और अब गिरने वाली होती है और जैसे ही आप एंट्री ले लेते हैं उसकी प्राइस गिरने लग जाती है और फिर आपको लगता है कि स्टॉक मार्केट से आपकी दुश्मनी है ऐसा नहीं है स्टॉक मार्केट से आपकी पर्सनल कोई दुश्मनी नहीं है!

प्रॉब्लम यह है क्या FOMO(Fear of Missing Out) यानी कि आप कुछ खो जाने या कुछ मिस हो जाने के डर से ट्रेड ले रहे हो, आप बहती गंगा में हाथ धोने का सोच रहे हो! और आप को डर है कि आपने अभी ट्रेड नहीं लिया तो मौका हाथ से निकल जाएगा तो इस FOMO की वजह से बिना लॉजिक के ट्रेड ले रहे हैं और इसकी वजह से ही आपको लॉस हो रहा है!

आपको सारे ट्रेड लेना जरूरी नहीं है जहां पर आपको पूरा कॉन्फिडेंस है वहीं पर ट्रेड ले और अगर आपको कोई अपॉर्चुनिटी नहीं मिल रही है तो उस टाइम पर ट्रेड लेना जरूरी नहीं है जब भी अपॉर्चुनिटी मिलती है तब ही ट्रेड ले!

illogical hope नहीं रखनी है-

 

दोस्तों Trading में कोई भी कुतर्क काम नहीं करता इसलिए  कभी भी कोई अनैतिक उम्मीद ( Illogical Hope ) नहीं रखनी चाहिए । अगर आप ट्रेड ले रहे हैं आपको प्रॉफिट की उम्मीद तो होगी ही तब ही आप ट्रेड ले रहे हैं लेकिन वह Illogical नहीं होनी चाहिए जबकि ज्यादातर ऐसा ही होता है जब आपको ट्रेड में लॉस हो रहा होता है तो आपके माइंड में एक उम्मीद जगने लगती है अगर थोड़ी देर रुक जाऊं तो शायद ज्यादा प्रॉफिट हो जाए

तो अगर आपको ऐसा लगता है कि थोड़ी देर और रुक जाने से आपका प्रॉफिट बढ़ सकता है तो इसके पीछे कोई लॉजिक होना चाहिए अगर बिना किसी टेक्निकल एनालिसिस के आपको लगता है कि थोड़ी देर और रुकने से आपका प्रॉफिट बढ़ सकता है तो यह एक इलॉजिकल आशा है! इस इलॉजिकल आशा के कारण आपको बहुत बड़ा लॉस हो सकता है!

 

अपनी स्थिति के हिसाब से रिस्क ले-

 

आपको एक ट्रेड में है उतना ही रिस्क लेना चाहिए जिसके लॉस होने पर आपको कोई खास फर्क ना पड़े

अगर आप ₹100000 महीना कमाते हैं और आप महीने का 10,000 लॉस कर देते हैं तो आपको दुख होगा लेकिन उतना नहीं लेकिन जब आप ₹5000 महीना कमाते हैं और आपको ₹10000 का लॉस हो जाता है तो यह लो आपके लिए बहुत बड़ा होगा और ऐसी स्थिति में आप इमोशन पर कंट्रोल नहीं कर पाएंगे और कुछ लॉस को रिकवर करने के चक्कर में आप गलत निर्णय ले सकते हैं इसलिए उतना ही रिस्क ले जितना मैनेज कर सकते हैं

दोस्तों आपको मैं आपने परिवार का हिस्सा मानता हूँ  और परिवार के सदस्य के नाते आपको एक सलाह देना चाहता हूँ की कभी भी Loan लेकर Trading या  investment न करें । क्योंकि जब भी आप ऐसा करेंगे तो आप कभी भी अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाएंगे और भावनाओं में बह कर की गई  trading कभी भी फायदे का सौदा नहीं हो सकता ।

अपने ट्रेड पहले से ही तय करें-

 

आपको 1 दिन में कितने ट्रेड लेंगे यह भी आपको पहले से ही डिसाइड कर लेना चाहिए एक सफल ट्रेडर बनने के लिए कब ट्रेड लेना है यह जानने से यह जानना ज्यादा जरूरी है कि कब ट्रेड नहीं लेना है और कितना ट्रेड लेना है क्योंकि

ट्रेडिंग में आपको 70% टाइम इंतजार करना होता है जबकि 30% टाइम ही आपको ट्रेड करना होता है यानी कि आपको ट्रेडिंग में सही अपॉर्चुनिटी मिलने का इंतजार करना होता है और केवल सही अपॉर्चुनिटी मिलने पर ही ट्रेड लेना होता है!

दोस्तों अगर आपने अभी -अभी ट्रेडिंग शुरू की है तो आपको trade करने से पहले  यह निर्णय कर लेना होगा कि एक दिन में आपको कितने और कौन से stock लेने हैं । क्योंकि एक दिन में बार – बार ट्रेड लेने से नुकसान हो सकता है । अधिक जानकारी के लिए ।

 

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धीरज (Patience) रखें-

 

दोस्तों Trading में धीरज ( Patience ) बहुत ही जरुरी है ।Trading से पैसा कमाने के लिए कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें । शेयर खरीदना और शेयर बेचना दोनों ही कामों में संयम कि जरुरत होती है । इसलिए  जल्दी में कोई फैसला न लें । सोच समझकर धीरज के साथ तर्क अथवा logic के आधार पर फैसला करें ।

 

रिस्क को मैनेज करें-

 

आपको अपने रिस्क को मैनेज करना है मतलब स्टॉप लॉस लगाने के अलावा भी जब आप ब्रेड ले रहे हैं तब आपको अपनी पोजीशन का साइज भी एक साथ नहीं बढ़ाना है!

Ex-अगर आपने ₹5000 लगाकर ट्रेडिंग शुरू की तो हो सकता है आपको पहले दिन ही 100% रिटर्न मिल जाए और आपका पैसा डबल यानी कि 10000 हो जाए अब ऐसा होने पर ज्यादातर ट्रेडर क्या करते हैं कि वह पूरे 10,000 लगाकर अगले दिन ट्रेड करते हैं अब मान लीजिए अगले दिन आपको 50% रिटर्न मिल गए और आपका पैसा बढ़कर 15000 हो गया!

लेकिन आपको रोज रोज तो प्रॉफिट नहीं होगा एक दिन तो आपका लॉस होगा ही जिस दिन आपको लोस होगा उस दिन आपका पूरा कैपिटल खाली हो जाएगा क्योंकि आप पूरे पैसे ट्रेड में लगाते हैं!

तो आपको आपकी पोजीशन का साइज एकदम से नहीं बढ़ाना है आपको शुरुआत में एक लोट से ट्रेड करना है और जैसे-जैसे आपका का कैपिटल बढ़ता है उस कैपिटल से आपको 1 दिन में 20% ही ट्रेडिंग में उपयोग करना है!

 

अपने ट्रेड को एनालाइज करें-

 

दोस्तों अगर आपको एक सफल ट्रेडर बनना है तो इस आर्टिकल  Intraday trading In Hindi में बताई गई बातों को ध्यान से अमल में लाना होगा । इसके इलावा और भी बहुत सारे ऐसे माध्यम हैं यहाँ से आप और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । अपने हर एक ट्रेड को एनालाइज करना होगा । यानी कि आपने आज जो ट्रेड लिया उसमें आपको प्रॉफिट हुआ । आप उसको एनालाइज करो कि आपको उस ट्रेड में क्यों प्रॉफिट हुआ । जब आपको लॉस होता है तब भी आप एनालाइज करो कि आपको लॉस क्यों हुआ  ?

जब आप अपने ट्रेड को रोज एनालाइज करोगे तो आप रोज कुछ नया सीखेंगे । रोज नया सीखकर  आप एक सफल ट्रेडर बन पाएं गए ।

 

 

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