2000 रूपए के नोट  को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, 1 अप्रैल को नहीं बदल सकेंगे यह नोट जानिए क्यों !

2000 रूपए के नोट  को लेकर सरकार का बड़ा फैसला , 1 अप्रैल को नहीं बदल सकेंगे यह नोट जानिए क्यों ?

 

दोस्तो यह खबर उन सभी लोगों के लिए बहुत जरुरी  है । जिन लोगों के पास अभी भी 2000 रूपए के नोट हैं। आपको ज्ञात होगा कि लगभग एक साल पहले रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (R B I) ने इस नोट को सिस्टम से बाहर कर दिया था।लेकिन जिन लोगों के पास यह 2000 रूपए के नोट थे । उन के पास 2000 Note Exchange नीति के तहत यह सुविधा थी कि बह अपने 2000 रूपए के नोट को बदल सकें ।

वह लोग  रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया  (RBI) के  किसी भी क्षेत्रीय कार्यालय ( Regional Office ) में जाकर 2000 रूपए का नोट बदल सकते थे।
लेकिन अब समाचार यह आया है कि 1 अप्रैल 2024 को किसी भी ग्राहक के पास यह सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी।

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2000 note exchange

यह फैसला क्यों लिया गया है। इस का कारण रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ( RBI ) की तरफ से यह बताया गया है की बैंकों ने अपना बार्षिक लेखा जोखा से जुड़े कामों को करना है । इसी  कारण से  2000 Note Exchange सुविधा को 1 अप्रैल को स्थगित किया गया है।

 

क्या लीगल टेंडर नहीं रहा 2000 रूपए का नोट ?

 

RBI  ने जानकारी दी है की हालाँकि 2000 का नोट सिस्टम से बाहर हो चूका है। परन्तु फिर भी यह लीगल टेंडर बना रहेगा। इसका अर्थ यह हुआ की जिनके पास अभी भी 2000 के नोट मौजूद है । उन लोगों को घवराने की जरुरत नहीं।  RBI इसको एक्सचेंज करने की सुविधा ग्राहकों को देता रहेगा। यह जो फैसला लिया गया है यह  अस्थाई  (Temporary ) है।

2000 note exchange के तहत कितने नोट बापिस आये !

 

RBI  द्वारा दी गई ताज़ा जानकारी के अनुसार 97. 6 प्रतिशत नोट बैंकिंग सिस्टम में बापिस आये हैं। अभी भी 9760 करोड़ रूपए के नोट  लोगों के पास मौजूद है । RBI  ने आगे कहा है कि  अभी भी 2000 रूपए के नोट लीगल टेंडर रहेंगे। आपको ज्ञात होगा की 19 मई को इन नोट को वापिस लिया गया था।

तो अगर आपके पास भी हैं 2000 रूपए के नोट तो घबराएं नहीं । RBI आगे भी यह सुविधा प्रदान करेगी । यह खबर आगे भी शेयर कर दें ताकि सभी अवगत हो जाएँ  । धन्यवाद !

 

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Written by Dinesh Pathak

Dinesh Pathak is a passionate financial writer with a deep interest in business trends, investment strategies, and smart money management. With a knack for simplifying complex topics, he aims to help readers make informed decisions in finance, banking, and entrepreneurship.