Categories
Banking

मुद्रा का इतिहास, महत्व औरआपके जीवन पर इसका असर जानिये विस्तार से !

 

दोस्तों कभी आपके मन में यह सवाल आया है की आखिर कागज से बनी हुई मुद्रा क्या है यह इतनी महत्ब्पूर्ण कैसे है । आखिर क्यों अथवा कैसे यह नोट इतने मूल्यबान हो जाते हैं । इस  मुद्रा से कैसे हम अपनी जरुरत की महंगी से महंगी बस्तुएं  खरीद पाते हैं ।

आखिर यह कागज से बनी हुई मुद्रा क्या है। किसी देश की आर्थिक स्थिति कैसे उस देश की मुद्रा की स्थिति पर निर्भर करती है। यह सारे सवाल कभी न कभी आपके मन में जरूर आते होंगे ।

सीधे और स्पष्ट शब्दों में कहूँ तो मुद्रा वह माध्यम है जिसके द्वारा आप अपनी जरुरत की बस्तुओं को खरीद सकते हैं। इसी मुद्रा से आप खरीदी गई बस्तुओं और सेवाओं  का भुगतान करते हैं।

यह मुद्रा आपकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में आपकी मदद करती है। अगर यह कहूँ की मुद्रा के बिना जीवन असंभव है तो गलत नहीं होगा।

प्राचीन समय में बार्टर प्रणाली ( Barter System ) के माध्यम से बस्तुओं के बदले बस्तुओं का आदान प्रदान होता था। तब कोई मुद्रा का प्रयोग नहीं होता था। परन्तु इस प्रणाली में बहुत से कठिनाइयां थी। तब मुद्रा का प्रचलन (concept ) आया।

यह भी पढ़ें —-

शेयर मार्केट क्या है – जानें शेयर बाजार की पूरी जानकारी हिंदी में!

 Gold loan interest rate: जानिए कैसे कम ब्याज पर पाएं बड़ी रकम, आसान शर्तों पर!

मुद्रा लोन क्या है? जानें इसके फायदे, आवेदन प्रक्रिया और शर्तें”

CIBIL Score Check करने और ऋण पाने के आसान तरीके !

 

किसी भी देश की मुद्रा  बहां की सरकार द्वारा अनुमोदित तथा अधिकृत होती है। मुद्रा क्या है विस्तार से समझने के लिए लेख को पूरा पढ़ें आगे और भी इसके संबंध में रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी दी गई है।

मुद्रा के प्रकार ( Types Of Currency )

करेंसी के विभिन्न रूप हैं। इनको प्रयोग करने का तरीका भी अलग – अलग है। नीचे कुछ मुद्रा के विभिन्न प्रकार की जानकारी दी गई है।

  1. भौतिक मुद्रा ( Physical Currency ) —- इस मुद्रा को हम Visible मुद्रा भी कह सकते है। इस प्रकार की मुद्रा को हम देख सकते हैं , छू सकते हैं और अपनी जेब में रख सकते हैं। इस मुद्रा को बहुत बड़ी मात्रा में लोगों द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। इस मुद्रा को नोट अथवा सिक्का ( Coin ) के नाम से परिभाषित किया जाता है। ये भौतिक मुद्रा विशेष  कागज अथवा  तांबा से बनाई जाती है।

आप जब भी किसी से कोई सामान खरीदते हैं या कोई सेवा पाते हैं। इसके बदले आपको उस व्यक्ति को इस भौतिक मुद्रा के द्वारा भुगतान  करते हैं। भौतिक मुद्रा अपनी भौतिक उपस्थिति ( Physical Presense) का अहसास कराती है।

2.  डिजिटल मुद्रा ( Digital Currency ) — इस तरह की मुद्रा का कोई  Physical Existance नहीं होता। इस तरह की करेंसी को न छूआ जा सकता है और न ही जेब में रख सकते हैं। digital currency के द्वारा भुगतान सिर्फ डिजिटली तथा ऑनलाइन किया जा सकता है।

इसके लिए आपके पास मोबाइल और इंटरनेट होना जरुरी है। बहुत सारी ऐसी application हैं जो  इस तरह की सुविधा देती हैं।  जैसे —- Google Pay , Paytm , Phonepe आदि।

3. क्रिप्टोकरेन्सी ( Cryptocurrency ) —- यह एक नई करेंसी है जो धीरे – धीरे पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो रही है।  यह भी डिजिटल करेंसी है। अभी बहुत से देशों ने इस करेंसी को अधिकृत नहीं किया है। भारत में भी इसका प्रचलन अभी बंद है।

देश की अर्थव्यवस्था में मुद्रा का महत्व ( Importance of Currency in Economy)

मुद्रा किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आधार है।  इसका प्रभाव अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र ( Sector ) पर पड़ता है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण विन्दुओं के साथ इसको समझाया गया है।

व्यापारिक सुविधा ( Trade Facilitation ) —- हमें कोई मार्किट से सामान खरीदना हो। किसी सुविधा का आनंद उठाना हो। इन सब के लिए आपको कुछ भुगतान करना पड़ेगा। इस काम में मुद्रा आपकी मदद करेगी की आप बिना किसी दुविधा या रूकावट के सामान खरीद सकें। सेवाओं का आनंद उठा पाएं।

आप मुद्रा के माध्यम से  उन सबको भुगतान कर सकते हैं जो आपको सामान अथवा सेवा उपलब्ध करवा रहे हैं।

बैंकिंग और निवेश —- बैंक का किसी देश की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान रहता है। बैंक लोगों की सेविंग्स ( Savings ) को अपने पास जमा और सुरक्षित रखते हैं। इसी मुद्रा का उपयोग बैंक लोगों को कर्ज देने में और उनको उद्योग स्थापित करने में मदद करते हैं। इन सभी गतिविधियों के लिए मुद्रा का होना जरुरी है।

इसी तरह लोग अपनी आय से कुछ पैसा बचा कर विभिन्न सेक्टर या वित्तीय संस्थानों में निवेश करते हैं।  इससे भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनती है।

आर्थिक विकास ( Economic Growth )—- मुद्रा अथवा करेंसी के बिना कोई भी व्यापारिक गतिविधि संभव नहीं है। अगर किसी व्यापारी को अपने काम का विस्तार करना है तो उसको और पूंजी चाहिए।  अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा चाहिए।

किसी व्यक्ति को सामान खरीदने के लिए या किसी जगह निवेश के लिए पैसा चाहिए।  यह सारी गतिविधियां बिना मुद्रा अथवा करेंसी के असंभव हैं। इन गतिविधियों के बिना देश का विकास भी असंभव है।

कुछ प्रमुख देशों की मुद्रा का नाम !

देश का नाम मुद्रा का नाम मुद्रा का चिन्ह
chin ki mudra kya hai       ( चीन की मुद्रा क्या है ) Chinese Yuan Renminbi (CNY ) ¥.
Nepal ki mudra kya hai    ( नेपाल की मुद्रा क्या है ) नेपाली रुपया
myanmar ki mudra kya hai (म्यांमार की मुद्रा क्या है) म्यांमार क्यात (MMK) “K” (singular) and “Ks.” (plural)
japan ki mudra kya hai (जापान की मुद्रा क्या है) Japanese yen
thailand ki mudra kya hai (थाईलैंड की मुद्रा क्या है) Thai baht (THB) ฿
England ki mudra kya hai (इंग्लैंड की मुद्रा क्या है) British pound sterling (£)
Italy ki mudra kya hai (इटली की मुद्रा क्या है) euro
Bhutan ki mudra kya hai (भूटान की मुद्रा क्या है) BTN Nu..
श्रीलंका की राष्ट्रीय मुद्रा क्या है Sri Lankan Rupee Rs.
फ्रांस की मुद्रा क्या है Euro €‎
सिंगापुर की मुद्रा क्या है Singapore dollar (SGD) SGD
अमेरिका की मुद्रा क्या है US$ $
पाकिस्तान की मुद्रा क्या है Pakistani Rupee (PKR) PKR
कनाडा की मुद्रा क्या है Canadian dollar (CAD) $

मुद्रा का निर्माण कैसे होता है? (How is Currency Created)

किसी भी देश की मुद्रा ( Currency ) को प्रिंट और उसे जारी करने का अधिकार वहां की सरकार के पास होता है। भारत में यह कार्य सरकार द्वारा अधिकृत बैंक  Reserve Bank of India ( RBI ) द्वारा किया जाता है।  रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया को ही अधिकार है करेंसी नोट्स को प्रिंट करने का ।  करेंसी नोट्स की सप्लाई का ध्यान भी RBI द्वारा ही रखा जाता है।

कितनी मात्रा में भौतिक ( Physical ) करेंसी नोट्स और coins जारी किये जाएँ गए  । यह फैसला भी रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा ही लिया जाता है। नोट्स और coins की कितनी मात्रा प्रिंट होगी यह सरकार की नीति और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है।

इसी तरह डिजिटल करेंसी का विनियमन ( Regulation ) भी रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा ही किया जाता है। RBI ऑनलाइन ट्रांसक्शन्स को सुरक्षित ( safe aur secure ) बनाता है।

मुद्रा प्रबंधन में चुनौतियाँ (Challenges in Currency Management)

मुद्रा ( currency ) के प्रवंधन में बहुत सी चुनौतियां भी हैं जिनका सभी देशों को सामना करना पड़ता है। भारत भी इन चुनौतियों से अछूता नहीं है।

  1. अगर किसी देश में मुद्रा अथवा करेंसी बहुत अधिक हो जाए तो उस करेंसी का मूल्य अथवा Value कम हो जाती है। इस तरह की स्थिति से मुद्रा स्फ्रूति ( Inflation ) पैदा होती  है।
  2. नकली मुद्रा ( Counterfeit Money) —- नकली नोट्स या फेक करेंसी भी सभी देशों की बहुत बड़ी समस्या है। नकली नोट्स की समस्या भारत की भी बहुत गंभीर समस्या है। भारत में इसी उद्देश्य से 8 नवंबर 2016 को demonetisation पालिसी लागु की गई। नकली करेंसी को रोकने के लिए नए नोट कुछ नई आधुनिक तकनीक के साथ जारी किये गए थे।
  3. डिजिटल धोखाधड़ी ( Digital Fraud ) — आजकल ऑनलाइन ट्रांसक्शन्स में डिजिटल धोखाधड़ी भी बढ़ चुकी है। यह सरकार के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। सरकार ने इसके लिए जागरूकता और साइबर सिक्योरिटी के बहुत बड़े स्टेप उठाये हैं।

मुद्रा का भविष्य (Future of Currency)

जैसे -जैसे तकनीक में उन्नति हो रही है। नए – नए प्रकार की मुद्रा या करेंसी का रूप सामने आ रहा है। लोग धीरे – धीरे डिजिटल मुद्रा या डिजिटल करेंसी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इससे आपको मुद्रा आपको अपनी जेब में लेकर चलने की जरुरत नहीं रहती।

भारत में भी RBI इस विकल्प पर जोर – शोर से काम कर रहा है।

निष्कर्ष : — इस लेख मुद्रा क्या है में आपको विस्तार से मुद्रा के संबंध में समझाने का प्रयास किया है।  मुद्रा कैसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है। इस पर चर्चा की है। उम्मीद है की आपको मुद्रा के संबंध में जानकारी प्राप्त हो गई होगी। आपके विचार में आने बाला समय किस तरह की मुद्रा का होगा।  इस पर अपनी राय जरूर दें।  धन्यवाद !

Exit mobile version